आईजीएमसी में लाइनें, मरीजों का बढ़ा मर्ज

By: Oct 5th, 2022 12:21 am

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में नहीं हुए ऑपरेशन, रेजिडेंट डाक्टरों के सहारे रही स्वास्थ्य व्यवस्था

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में रविवार व सोमवार को दो दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को भारी संख्या में मरीज उपचार करवाने के लिए आए, लेकिन यहां करीब 250 चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। हालांकि विभागों के एचओडी को पहले से ही निर्देश जारी किए गए थे कि वह मरीजों की दिक्कत को देखते हुए पहले से पुख्ता प्रबंध कर लें। अस्पताल में रेजिडेंट डाक्टरों के सहारे ही मरीज रहे और सारा दारोमदार उन पर ही रहा। हालांकि मरीजों को थोड़ी परेशानी अवश्य हुई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन के अनुसार अस्पताल पहुंचे सभी मरीजों की जांच की गई है। जानकारी के अनुसार आईजीएमसी में सीनियर डाक्टर उपलब्ध नहीं हुए। अकादमिक भत्ता न मिलने के कारण सीनियर डाक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे। अस्पताल में ओपीडी के बाहर मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही।

250 वरिष्ठ डाक्टर मांगें पूरी न होने से सामूहिक अवकाश पर गए है। हालांकि बुधवार को यह चिकित्सक वापस अपने काम पर लौट जाएंगे, जिससे मरीजों को राहत होगी। सेमडिकोट के अध्यक्ष डाक्टर राजेश सूद का कहना है कि डॉक्टरों को अकादमिक भत्ता नहीं मिला है और सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा कुछ कार्रवाई न करने से चिकित्सक आहत हुए है। उन्होंने कहा कि मरीजों को दिक्कत चिकित्सक भी नहीं चाहते है, लेकिन अपनी मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर जाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं था। चिकित्सकों ने मौन रहकर अपने आक्रोश को बताया है और स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता हो गई है और बुधवार से चिकित्सक अपने कामों पर
लौट जाएंगे।

रूटीन के करीब 55 ऑपरेशन नहीं हुए
जानकारी के अनुसार आईजीएमसी में रूटीन के करीब 55 ऑपरेशन भी टाले गए हैं। इससे सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों को हुई, जिनके ऑपरेशन होने थे। मरीजों के हर्निया, गाल ब्लेडर, हाथ, बाजू, टांग, आंखों व ईएनटी संबंधी बीमारियों के ऑपरेशन करवाने आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी है।


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