श्री रामचंद्र को मिला 14 साल का वनवास

By: Oct 2nd, 2022 12:55 am

रामा नाटक क्लब कर रहा रामलीला का मंचन, माता की आरती से हुआ पांचवी संध्या का शुभारंभ
स्टाफ रिपोर्टर, डलहौजी
रामा नाटक क्लब की ओर से सदर बाजार में आयोजित रामलीला की पांचवी संध्या का शुभारंभ भारत माता की आरती से किया गया तदोपरांत मंथरा-कैकेयी, दशरथ-कैकेयी संवाद, श्रीराम राज्याभिषेक की घोषणा का मंचन और राम वनवास का मंचन किया गया। रामलीला के दौरान राम वनवास के मंचन में रामा नाटक क्लब के कलाकारों द्वारा पंडाल में मौजूद दर्शक भाव-विभोर हो गए। जब वचनों में बंधे राजा दशरथ ने प्राण जाए पर वचन न जाए की कहावत को चरित्रार्थ करते हुए श्री रामचंद्र को 14 वर्षों के लिए वनों में भेज दिया। कैकेयी द्वद्धारा श्रीराम, सीता व लक्ष्मण को भगवे वस्त्र पहनने को देती हैं। प्रभु राम के बनवास जाने का समाचार मिलते ही अयोध्या में मातम छा जाता है।

पिता के वचन को पूरा करने के लिए भगवान राम जब वनो को भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ निकलते हैं तो रास्ते में सरयू नदी पार करने पड़ती है। तीन अंजान लोगों को जंगल में आते देख खेवट के अन्य साथी पहले तो प्रभु राम से कई सवाल तलब करते हैं। अपना परिचय देने के बाद साथी सबसे पहले प्रभु के चरणों में दंडवत प्रमाण करते हैं उसके बाद खेवट को श्री राम के आने की सूचना देते हैं। अपने प्रभु के आने की सूचना मिलते ही खेवट नंगे पांव प्रभु के पास जाते हैं। राम द्धारा नदी पार करवाने का प्रस्ताव रखने पर खेवट सहर्ष प्रभु को नदी पार करवाते हैं। भगवान श्रीराम के वनवास चले जाने के पश्चात पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग देते हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App