लाहुल-स्पीति के 2072 किसानों को मिला लाभ

By: Nov 30th, 2022 12:18 am

केवीके कुकुमसेरी की बैठक में बोले प्रभारी वैज्ञानिक, लाहुल-स्पीति में कृषि गतिविधियों पर हुई समीक्षा

स्टाफ रिपोर्टर-भुंतर
जनजातीय जिला कृषि विज्ञान केंद्र कुकुमसेरी की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की इक्कीसवीं बैठक का आयोजन सोमवार को किया गया। बैठक की अध्यक्षता कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के निदेशक प्रसार शिक्षा डा. वीके शर्मा ने की तो विवि के संवैधानिक अधिकारी डा. पवन पठानिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे। इस बैठक में करीब 70 किसान, वैज्ञानिक एवं जिला के विभिन्न विभागों के प्रमुख शामिल हुए। सर्वप्रथम प्रभारी डा. केसी शर्मा ने कृषि विज्ञान केंद्र, कुकुमसेरी की गत वर्ष की उपलब्धियां एवं कार्यक्रम के बारे में सभी सदस्यों को जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि लाहुल-स्पीति में गत वर्ष में 61 प्रशिक्षण शिविर, 372 अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, चार खेत परीक्षण, जल शक्ति अभियान, मटर दिवस, फूलगोभी दिवस, राजमाश दिवस, पोषण अभियान, किसान मेला, कृषि प्रदर्शनी तथा अन्य प्रसार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 2072 कृषक व कृषक महिला लाभान्वित हुए।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यातिथि ने लाहुल घाटी की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रख कर एग्रो टूरिज्म, एकीकृत कृषि प्रणाली, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, चरागाहों के सुधार एवं प्रबंधन, प्राकृतिक खेती, मतस्य पालन आदि कृषि पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया। इस बैठक में उपस्थित प्रगतिशील किसानों ने फूलगोभी, ब्रोकोली तथा अन्य विदेशी सब्जियों की खेती संबंधित परेशानियों के बारे में बताया, जिस पर सब्जी विज्ञान वैज्ञानिक डा. राधिका नेगी ने अपने विचार रखे एवं किसानों को सब्जियों की वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की तथा संरक्षित सब्जी एवं सब्जी पौध उत्पादन सिफारिश की। इस दौरान कृषि, पशु पालन, बागबानी एवं जल शक्ति के प्रमुखों ने भी अपने विचार रखे ताकि जनजातीय किसानों की आर्थिक स्थिति में मजबूती आ सके। विशिष्ट अतिथि डा. पवन पठानिया ने भी किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकों से अवगत करवाया ताकि लाहुल घाटी के किसानों की आय दोगुनी हो सके और उन्हें अधिक से अधिक लाभ मिल सके। बैठक में वैज्ञानिक प्रभारी, डा. पंकज चोपड़ा, उच्च भूमि कृषि अनुसंधान एवं प्रसार, कुकुमसेरी भी शामिल रहे और उन्होंने किसानों को साइलेज मेकिंग द्वारा सर्दियों में चारे की समस्या से निवारण हेतु जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. रमेश कुमार राणा, डा.रमेश लाल तथा डा. सुरेंदर कुमार बंसल भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।


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