ऑटो चलाकर ऑफिस जाती हैं अमरीकी डिप्लोमैट, चार महिला राजनयिकों ने बुलेटफूफ गाड़ी छोडक़र ऑटो खरीदा

By: Nov 24th, 2022 12:06 am

दिल्ली स्थित अमरीकी एंबेसी की चार महिला राजनयिकों ने बुलेटफूफ गाड़ी छोडक़र ऑटो खरीदा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित अमरीकी एंबेसी की चार महिला अधिकारी ऑटो चलाकर ऑफिस जाती हैं। खास बात तो ये हैं कि ये ऑटो इनका पर्सनल व्हीकल है। इसी से वे ऑफिस जाती हैं। एनएल मेसन, रुथ होल्म्बर्ग, शरीन जे किटरमैन और जेनिफर बायवाटर्स का कहना है कि ऑटो चलाना सिर्फ मजेदार ही नहीं, बल्कि ये एक उदाहरण है कि अमरीकी अधिकारी भी आम लोगों की तरह ही हैं। अमरीकी डिप्लोमैट एनएल मेसन ने कहा कि मैंने कभी भी क्लच वाली गाडिय़ां नहीं चलाई। मैं हमेशा ऑटोमैटिक कार ही चलाती हूं, लेकिन भारत आकर ऑटो चलाना एक नया एक्सपीरिएंस था।

जब में पाकिस्तान में थी तब मैं बड़ी और शानदार बुलेटपू्रफ गाड़ी में घूमती थी। उसी से ऑफिस जाती थी, लेकिन जब मैं बाहर ऑटो देखती थी, तो लगता था कि एक बार तो इसे चलाना है। इसलिए जैसे ही भारत आई, तो एक ऑटो खरीद लिया। मेरे साथ रूथ, शरीन और जेनिफर ने भी ऑटो खरीदा। मेसन ने कहा कि मुझे मेरी मां से इंस्पिरेशन मिली। वह हमेशा कुछ नया करती रहती थीं। उन्होंने मुझे हमेशा चांस लेना सिखाया। मेरी बेटी भी ऑटो चलाना सीख रही है। मैंने ऑटो को पर्सनलाइज किया है। इसमें ब्लूटूथ डिवाइस लगा है। इसमें टाइगर प्रिंट वाले पर्दे भी लगे हैं।

नई चीजें सीखना मुश्किल नहीं

ऑटो चलाने के अपना अनुभव बताते हुए जेनिफर ने कहा कि मैंने लोगों की अच्छाई देखी है। कई बार लोगों को जानने के लिए आपको आउट ऑफ द बॉक्स सोचना पड़ता है। जब मैं दिल्ली आई तो मैं मेसन के साथ ऑटो में जाती थी। बाद में मैंने अपना ऑटो खरीद लिया। इसे चलाना मुश्किल था, लेकिन मैंने सीखा।

लोगों से मिलना एक तरह की डिप्लोमेसी

अमरीकी अधिकारी रुथ होल्म्बर्ग ने कहा कि मुझे ऑटो चलाना बहुत पसंद है। मैं मार्केट भी इसी से जाती हूं। यहां लोगों से मिलती हूं। महिलाएं मुझे देखकर मोटिवेट भी होती हैं। मेरे लिए डिप्लोमेसी हाई लेवल पर नहीं है। डिप्लोमेसी का मतलब है लोगों से मुलाकात करना, उन्हें जानना और उनके साथ एक रिलेशनशिप बिल्ड करना। ये सब मैं ऑटो चलाते हुए कर सकती हूं। मैं हर दिन लोगों से मुलाकात करती हूं। ये डिप्लोमेसी के लिए जरूरी है।

मैक्सिकन ऐंबैस्डर के पास भी था ऑटो

भारतवंशी अमरीकी डिप्लोमैट शरीन जे किटरमैन के पास पिंक कलर का ऑटो है। इसके रियर-व्यू मिरर में अमरीका और भारत के झंडे लगे हुए हैं। उनका जन्म कर्नाटक में हुआ था। बाद में वह अमरीकी में बस गईं। उनके पास यूएस सिटिजनशिप है। उन्होंने कहा कि मुझे इंस्पिरेशन एक मैक्सिकन ऐंबैस्डर मेल्बा प्रिआ से मिली। 10 साल पहले उनके पास एक सफेद रंग का ऑटो था। उनका ड्राइवर भी था। जब मैं भारत आई तो देखा मेसन के पास ऑटो है। तभी मैंने भी एक ऑटो खरीद लिया।


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