ईटीटी शिक्षकों का डाटा मांगा, नियुक्ति देेने के मामले में मंडी के डिप्टी डायरेक्टर ने बीईईओ को दी चेतावनी
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
जेबीटी के पदों पर ईटीटी को नियुक्ति देेने के मामले पर डिप्टी डायरेक्टर मंडी ने ईटीटी शिक्षकों का डाटा मांगा है। इससे पहले भी जिन स्कूलों में ये शिक्षक तैनात थे उनके बारे में जानकारी मांगी गई थी लेकिन समय पर इसका डाटा नहीं मिल पाया। ऐसे में मंडी जिला के डिप्टी डायरेक्टर ने संबंधित जिला के बीईईओ को चेतावनी जारी की है। इससे पहले 16 नवंबर को इस मामले की सुनवाई थी जिसमें ईटीटी शिक्षकों को भी हाजिर रहने के आदेश जारी हुए थे। लेकिन सभी ईटीटी शिक्षक इसमें उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में अब 24 नवंबर को इस मामले की सुनवाई है जिसमें बीईईओ को सभी शिक्षकों को हाजिर करवाने का जिम्मा दिया गया है। डिप्टी डायरेक्टर की ओर से जो पत्र जारी किया गया है उसमें सामने आया है कि साल 2018 में जेबीटी के पदों के अगेंस्ट ईटीटी शिक्षकों को इसमें नियुक्ति दी गई और आज ये शिक्षक रेगुलर भी हो चुके हैं। साल 2018 में एनसीटीई की गाइडलाइन का इसमें हवाला दिया गया है जिसमें बीएड भी जेबीटी के पदों के लिए पात्र बनाए गए हैं।
इसी नोटिफिकेशन के तहत ईटीटी को भी इसमें नौकरी दी गई। ऐसे में 24 नवंबर को कोर्ट में बीएड बनाम जेबीटी केस में सुनवाई होनी है जिसमें ईटीटी शिक्षकों का रिकॉर्ड भी दिया जाएगा। ऐसे ही मामले प्रदेश के अन्य जिलों में भी है जहां जेबीटी के पदों पर ईटीटी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है। गौर रहे प्रदेश के पिछले चार साल से यह मामला चला है और इसमें अब सरकार भी जेबीटी के पक्ष में कोर्ट में अपना पक्ष रखेग। प्रदेश में करीब 45 हजार जेबीटी प्रशिक्षु हैं जो लगातार मांग कर रहे हैं कि जेबीटी की भर्ती में बीएड को बाहर किया जाएगा। इसके लिए राजस्थान कोर्ट का हवाला भी दिया जा रहा है जहां इस याचिका को खारिज कर दिया गया है। अब हिमाचल में भी इसे लागू करने की मांग की जा रही है। जेबीटी के पदों पर केवल जेबीटी को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए।