बर्ड फ्लू…ग्रामीणों में दहशत

पौंग झील में पहुंचे 25 हजार प्रवासी परिंदे, सैंपलिंग की मांग

निजी संवाददाता-जवाली
पौंग झील में जैसे-जैसे प्रवासी परिंदों की आमद बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे झील के साथ सटी पंचायतों के बाशिंदों में बर्ड फ्लू को लेकर दहशत पैदा हो रही है। प्रवासी पक्षियों की आमद से इन परिंदों में बर्ड फ्लू की संभावना को लेकर लोग डरे हुए हैं। क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरसर, पनालथ, हार, घाड़ जरोट, नगरोटा सूरियां, कथोली,चलवाड़ा-एक, चलवाड़ा-दो, पंचायत फारियां, समकेहड़, पंचायत भलूं, मतलाहड़, धमेटा, फतेहपुर इत्यादि पड़ती हैं। वर्ष 2020 व 2021 की बात की जाए तो पौंग झील में पहुंचे परिंदों में बर्ड फ्लू काफी फैला था, जिससे हजारों की तादाद में प्रवासी परिंदों की मौत हो गई थी। बर्ड फ्लू के कारण प्रवासी परिंदे उड़ भी नहीं पाते थे।

हजारों की तादाद में मरने वाले प्रवासी परिंदों को दफनाना विभागीय टीम के लिए परेशानी का सबब बन गया था। बर्ड फ्लू के कारण झील में मत्स्य आखेट को प्रतिबंध कर दिया गया था, जिससे मत्स्य आखेट कर परिवार का पालन-पोषण करने वाले करीब 2300 मछुआरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। पौंग झील में मौजूदा समय में विभिन्न प्रजातियों के करीबन 25 हजार प्रवासी परिंदे पौंग झील में पहुंच चुके हैं। बुद्धिजीवियों ने वन्य प्राणी विभाग से मांग की है कि पौंग झील में पहुंच रहे प्रवासी परिंदों की सैंपलिंग की जाए ताकि बर्ड फ्लू का पता चल सके।

लैब से नेगेटिव आई सैंपल की रिपोर्ट
इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की टीमों द्वारा प्रवासी परिंदों के सैंपल लेकर लैब में भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।