चालक-परिचालक महंगा खाना खाने को मजबूर; आईएसबीटी शिमला में कैंटीन बंद, इस कारण नहीं हो पा रहे नए टेंडर

By: Nov 28th, 2022 12:06 am

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

आचार संहिता के कारण एचआरटीसी चालक-परिचालक महंगा खाना खाने को मजबूर हैं। दरअसल राजधानी शिमला के आईएसबीटी में एचआरटीसी की कैंटीन पिछले कई दिनों से बंद हैं। कैंटीन बंद होने के कारण चालक-परिचालकों को बाहर से ही खाना खरीदना पड़ता हैं। मार्केट में काफी महंगे दामों पर चालकों-परिचालकों को खाना मिल रहा है। इसके कारण एचआरटीसी चालक-परिचालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा हैं। वहीं इस बारे में एचआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता के कारण कैंटीन के टेंडर अवार्ड नहीं हो पा रहे हैं। टेंडर प्रक्रिया न होने के कारण कैंटीन का आबंटन नहीं हो पा रहा हैं। इसके कारण कैंटीन फिलहाल बंद है।

उनका कहना है कि चुनाव आयोग से अनुमति मिलते ही जल्द कैंटीन का टेंडर कर दिया जाएगा, जिसके बाद टेंडर का आबंटन किया जाएगा। इसके बाद चालक परिचालकों को बाहर खाना नहीं खाना पड़ेगा। वहीं चालक-परिचालकों का कहना है कि शिमला से पूरे प्रदेश भर के लिए बसें जाती हैं और प्रदेश भर से आईएसबीटी के लिए बसें आती हैं। प्रदेश भर के चालक-परिचालक एचआरटीसी की कैंटीन में ही खाना खाते थे, लेकिन पिछले काफी समय से कैंटीन बंद है, जिसके कारण चालक-परिचालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उन्होंने एचआरटीसी प्रबंधन से मांग उठाई है कि जल्द से जल्द कैंटीन को खोल दिया जाए।

रेस्टरूम में लगाए हीटर

एचआरटीसी के जनरल मैनेजर पवन सिंघल का कहना है कि सर्दियों के दौरान एचआरटीसी चालक-परिचालकों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसके लिए एचआरअीसी प्रबुंधन की ओर से आईएसबीटी में बने रेस्टरूम में हीटर की व्यवस्था की गई है। यहां पर तीन नए हीटर लगाए गए हैं, ताकि सर्दियों के दौरान चालक-परिचालकों को दिक्कतें पेश न आएं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी चालक-परिचालकों ने रेस्टरूम में उचित व्यवस्थाओं के न होने की शिकायत एचआरटीसी प्रबंधन को की थी।


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