नोटबंदी से भी नहीं रुका आर्थिक भ्रष्टाचार

By: Nov 30th, 2022 12:05 am

आठ नवंबर 2016 की रात लगभग आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को संबोधित किया गया और 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के विमुद्रीकरण का ऐलान जब किया था, तब लोगों को कुछ खास समझ नहीं आया। धीरे-धीरे यह समझा जाने लगा कि यह कालेधन पर प्रहार और आर्थिक भ्रष्टाचार रोकने के लिए प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक फैसला था। इस फैसले को कामयाब बनाने के लिए आमजन ने भी मोदी का साथ बैंकों की लाइन में खड़े होकर खूब दिया था। नोटबंदी से देश के बहुत से उद्योग धंधों, व्यापार और रोजगार पर नकारात्मक असर पड़ा था। अब मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले को 6 साल पूरे हो गए। नोटबंदी से काला धन कितना श्वेत हुआ, यह भी मोदी सरकार ही जाने। लेकिन दुख इस बात है कि इसके बावजूद आर्थिक भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। -राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा


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