तेजी से बढ़ रहा विदेशी सब्जियों का चलन

By: Nov 22nd, 2022 12:10 am

प्रदेश के मध्य तथा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उग रही पोषक तत्वों से भरपुर ये यूरोपियन सब्जियां, कई रोगों से बचाव में हैं सहायक

सुरेंद्र कौर- धर्मशाला
भारत के साथ-साथ पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सब्जियों का उत्पादन अब पारंपरिक सब्जियों की खेती से बढक़र विदेशी सब्जियों तक पहुंच गया है जो पिछले कुछ दशकों में पेश की गई हैं। कुछ वर्ष पहले तक विदेशी सब्जियों की खेती भारत में नहीं की जाती थी। यह पहले विदेशों से आयात की जाती थी, परंतु पिछले कुछ दशकों से देश में विदेशी सब्जियों का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। जलवायु अनुकूलता के कारण हिमाचल प्रदेश में साल भर में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती की जा सकती है। समुद्र तल से 2000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल में जलवायु के साथ-साथ मिट्टी की स्थिति इन विदेशी सब्जियों को उगाने के लिए बिल्कुल सही है।

प्रदेश में सब्जी की खेती के तहत कुल क्षेत्रफल 87.485 हेक्टेयर है। जिसमें से 60 प्रतिशत यानी 52,491 हेक्टेयर का उपयोग ऑफ सीजन और विदेशी सब्जियां उगाने के लिए किया जाता है। विदेशी सब्जियां मुख्यत: ब्रोकली, लाल बंद गोभी, पार्सले, सल्स, स्प्राउट लैट्यूस, पक चोय, लीक, ज्सूकिनि व सेलरी इत्यादि हैं। यह सब्जियां स्वास्थ्य के लाभ से व पोषक तत्वों से भरपुर है, इसमें कई तरह के विटामिन ए, बी, सी, के, कैश्यिम, फाइवर, फोलिक एसिड, पोटाशियम व प्रोटीन का अच्छा साधन है। अगर यह सब्जियां दिनचर्या में रहेगी तो स्वास्थ्य स्वस्थ रहेगा। यह यूरोपियन सब्जियां हिमाचल प्रदेश के मध्य तथा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं। हिमाचल में यह सब्जियां पांच जिलों कांगड़ा, मंडी, चंबा, सोलन, सिरमौर व कुल्लू में उगााई जा रही है। कृषि विभाग का किसानों को सुझाव है है कि ये सब्जियां 2-3 महीने के अंतराल में तैयार हो जाती है तथा किसान एक खेत में से 5 तरह की सब्जियां उगा सकते हैं। आय भी बढ़ेगी। (एचडीएम)

किसानों के पास आय बढ़ाने के भरपूर मौके
भारत वर्ष में विदेशी पर्यटकों की बढ़ती हुई संख्या तथा भारतीयों के खान पान में बदलाव के कारण देश के पंचतारा व अन्य शालीन होटलों में विदेशी सब्जियों की बढ़ती हुई मांग के कारण किसानों को अधिक कमाई के अवसर मिल रहे हैं। यह सब्जियां स्वादिष्ट होने के साथ-साथ अधिक गुणकारी तथा लाभप्रद होती है। बाजार में भी इन विदेशी का मूल्य अधिक मिलता है, विदेशी साग-सब्जियों का बाजार सालाना 15 से 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। परंतु यह सब्जियां कई रोगों से भी बचाव करती है। जैसे ब्रोकली कैंसर व पाचन को बढ़ाता है। लैंटयूस जिसे हम सैलेड भी कहते हैं , हड्डियों की मजबूती, दृष्टि व नींद में लाभदायक है। वैसे ही अन्य विदेशी सब्जियों के भी कई लाभ है।


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