दो साल से पैट स्कैन मशीन फाइलों में

By: Nov 30th, 2022 12:19 am

2022 में प्रदेश सरकार ने दी थी सैद्धांतिक मंजूरी; आठ करोड़ रुपए होने थे खर्च, कैंसर मरीजों के लिए मददगार

संतोष कुमार—शिमला
आईजीएसमी में पैट स्कैन मशीन दो सालों से कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है, जिससे राज्य के कैंसर रोगियों को पैट स्कैन करवाने के लिए राज्य के कांगड़ा स्थित निजी लैब या फिर पीजीआई व बाहरी राज्यों के निजी अस्पतालों का रूख करने को लाचार होना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने पैट स्कैन मशीन लगाने की 2020 से कवायद शुरू की और इसी वर्ष अप्रैल माह में राज्य सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दी है, लेकिन अभी तक धरातल पर पैट स्कैन मशीन नहीं आ सकी है।
आईजीएमसी व कैंसर अस्पताल प्रशासन ने कैंसर अस्पताल के नीचे सडक़ किनारे जमीन की औपचारिकता पूर्ण कर ली है और इसकी फोरेस्ट क्लीयरेंस हासिल करने के साथ टेक्नीकल स्पेसिफिकेशन भी हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से आगामी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है।

नतीजतन कैंसर रोगियों को पैट स्कैन के लिए निजी या फिर पड़ोसी राज्यों की ओर रूख करने को बाध्य होना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में दो साल पहले पैट स्कैन के लिए यहां प्रोपोजल तैयार की गई। 2020 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर के सवाल पर कहा था कि आईजीएमसी में पैट स्कैन मशीन की सुविधा जल्द शुरू होगी, जबकि इसके बाद टांडा मेडिकल कालेज व अन्य जिलों में खोले गए मेडिकल कालेजों में भी इस सुविधा को लैस किया जाएगा। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने बताया था कि 18 करोड़ की मशीन आईजीएमसी में जल्द स्थापित होगी। इसी वर्ष अप्रैल माह में सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी दी थी और कहा था कि प्रदेश में पहली बार दो पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन मशीनें राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा (कांगड़ा) में स्थापित होगी। (एचडीएम)

बाहरी राज्यों से पीजीआई में 10 हजार तो निजी में 15 से 25 हजार शुल्क
पीजीआई में हिमाचल से पैट स्कैन के लिए जाने वाले मरीज से इसके लिए 10 हजार रुपए शुल्क लिया जाता है, जबकि निजी अस्पतालों में इसके रेट अलग-अलग है। यह 15 हजार से शुरू होकर 25 हजार तक चलते है।
कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 नए तो 6000 पुराने रोगी करवा रहे इलाज
आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में औसतन प्रतिवर्ष 2500 रोगी कैंसर के नए आते है, जबकि छह हजार पुराने रोगी शुमार है। अस्पताल में आने वाले रोगियों में से प्रतिदिन औसतन तीन से चार मरीजों को पैट स्कैन करवाने की आवश्यकता होती है।
कैंसर अस्पताल में औसतन 3 से 4 रोगी को प्रतिदिन पैट स्कैन करवाने की जरूरत पड़ती है। अस्पताल में प्रतिवर्ष करीब 2500 नए और 6 हजार पुराने कैंसर के रोगी उपचार पाते है। कैंसर का पता लगाने व कीमोथैरेपी का असर जानने के लिए पैट स्कैन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
डाक्टर मनीष गुप्ता, एचओडी कैंसर अस्पताल आईजीएमसी

कैंसर अस्पताल के साथ सडक़ के नीचे पैट स्कैन मशीन के लिए जगह चयनित की गई है, और जमीन आईजीएमसी के नाम हो गई है और इसके लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल गई है। इसकी टैक्नीकल स्पेसिफिकेशन भी हो चुकी है। अस्पताल प्रशासन की ओर से पैट स्कैन मशीन के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है।
डाक्टर प्रवीण भाटिया, डिप्टी एमएस आईजीएमसी शिमला


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