लाहुल-स्पीति में मनाया जनजातीय गौरव दिवस

भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर जनजातीय संग्रहालय से पुराने परिधि गृह केलांग के बीच निकाली पदयात्रा
दिव्य हिमाचलल ब्यूरो-केलांग
जनजातीय अधिकारों के लिए भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए उनके जन्मदिन को मंगलवार को जिला लाहुल-स्पीति के जनजातीय संग्रहालय सभागार में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। जनजातीय गौरव दिवस में सहायक आयुक्त रोहित शर्मा बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। इस अवसर पर रोहित शर्मा ने कहा कि विरसा मुंडा ने जनजातीय अधिकारों के लिए अंग्रेजी शासन के विरुद्ध आवाज उठाई और जनजातीय समाज के लिए संघर्षरत रहे। उन्होंने कहा कि आज जनजातीय गौरव दिवस के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद करते हुए जनजातीय संस्कृति के संरक्षण व संवद्र्धन के लिए किए गए सभी के प्रयासों को भी याद करना है। ताकि भावी पीड़ी को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों से अवगत करवाया जा सके।
साथ ही जनजातीय क्षेत्रों के सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने व राष्ट्रीय गौरव व भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए आदिवासीयों द्वारा किए प्रयासों को सम्मान देने के लिए ये दिवस मनाया जाता है । रोहित शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गत वर्ष विरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया । उन्होंने कहा कि इस कड़ी में शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम व वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रनजीत वैद ने उपस्थित लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने जहालमा के आयुर्वेदिक डाक्टर स्वर्गीय दोरजे ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि जब लाहुल घाटी में स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर थीं तो उस दौरान उनके द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को लाहुल की जनता कभी नहीं भूल पाएगी। इस अवसर पर स्कूली विद्यार्थियों द्वारा विरसा मुंडा की जीवनी पर आधारित व लाहुल के जनजातीय समाज मे महान योगदान देने वाले हस्तियों के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर जनजातीय संग्रहालय से पुराने परिधि गृह केलांग के बीच पदयात्रा निकाली गई। गौरव दिवस पर महिला मंडल अप्पर केलांग व वरिष्ठ माध्यामिक पाठशाला केलांग की छात्राओं ने परंपरागत लोकनृत्य प्रस्तुत किया।