सडक़ सुविधा से महरूम यांगला गांव बना नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन

By: Dec 24th, 2022 12:55 am

अशोक राणा-केलांग
आजादी के 75 साल बाद भी अभी तक सडक़ सुविधा से महरूम एक गांव अचानक सैलानियों की पहली पसंदीदा सैरगाह बन गया है। यहां पहुंच कर सैलानी रोहतांग और मढ़ी की बादियों को भूल गए हैं। शीत मरुस्थल लाहुल का करीब 80 फीसदी क्षेत्र में बर्फ गायब है। लेकिन यही बर्फ इस गांव के लिए आमदनी का जरिया बन गया है। जी हां, लाहुल के चंद्रा वेली में चंद्रा नदी के वामतट पर बसा यांगला गांव सैलानियों के लिए इन दिनों स्नो प्वाइंट बन कर उभरा है। वामतट पर होने के कारण यहां अभी भी बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है, जहां पर सैलानी रोजाना बर्फ से अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं। यांगला गांव का यह इलाका स्नो प्वाइंट बन जाने से युवाओं को रोजगार का बेतहर विकल्प मिल गया है। सैलानी यहां पर टायर ट्यूब पर बर्फ में फिसलने का लुत्फ उठा रहे हैं। अटल टनल से लगभग 20 किमी केलांग की तरफ गोंदला पंचायत का यांगला गांव लाहुल का नया पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर होने लगा है। अटल टनल के खुल जाने से लाहुल घाटी पर्यटन के लिए सब से बेहतर स्थल बन चुका है। जिसमें गोंदला के वामतट में बसे यांगला गांव पर्यटकों के लिए सब से मनमोहक स्थल बना हुआ है।

आज जहां घाटी में बर्फबारी नहीं होने से लाहुल में बर्फ के दीदार नहीं हो पा रहे हैं वहीं यांगला गांव में बर्फ की सफेद चादर बिछी होने से पर्यटको का तांता लगा हुआ। सैलानी अटल टनल होकर मनाली से सीधे यांगला का रुख कर रहे हैं। इस स्नो प्वाइंट में यांगला गांव के कुछ युवकों ने हम पांच ढाबा नाम से एक ढाबा खोल रखा है। गांव के युवक प्रदीप मालपा ने बताया कि टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन जाने से गांव के लोग खासे उत्साहित हैं, क्योंकि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुल गए हैं। कहा कि नवंबर महीने में गिरी बर्फ जहां लाहुल के अन्य इलाकों में पिघल चुकी है वहीं यांगला के स्नो प्वाइंट सेंड लैंड में अभी बर्फ की मोटी चादर बिछी है। पर्यटक भारी तादाद में रोजाना यांगला स्नो प्वाइंट पहुंच रहे हैं। गोंदला पंचायत प्रधान सूरज ठाकुर, ग्रामीण प्रदीप, प्रेम ने कहा कि स्नो प्वाइंट बनने से यांगला समेत आसपास के गांव के युवाओं को रोजगार का बेहतर विकल्प मिल गया है। (एचडीएम)