शिमला की आठ सीटें…सीएम भी यहीं से, मंत्री भी

By: Dec 1st, 2022 12:45 am

अब तक दो मुख्यमंत्री और दर्जन भर मंत्री दे चुका है शिमला
संतोष कुमार—शिमला
विधानसभा चुनाव ही नहीं, अपितु प्रदेश में बनने वाली सरकार में जिला शिमला हमेशा ही अहम भूमिका निभाता चला आ रहा है। 14वीं विधानसभा के लिए मतदान के बाद अब आठ दिसंबर को मतगणना के लिए मैदान सज गया है और लोग परिणाम जानने के लिए आतुर है। कांगड़ा व मंडी के बाद सर्वाधिक आठ सीटों वाले जिला शिमला अब तक प्रदेश को दो मुख्यमंत्री और दर्जन भर मंत्री दे चुका है। जिला शिमला के रोहडू़ृ से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और जुब्बल एवं कोटखाई से ठाकुर रामलाल राज्य के मुख्यमंत्री पदों पर आसीन रह चुके है। इसके अलावा जिला शिमला की बाकी सात विधानसभा सीटों से मंत्री भी विधानसभा व सचिवालय में शोभा बढ़ा चुके है। एकमात्र कुसुम्पटी सीट को अभी तक मंत्री पद नहीं मिला है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस की दृष्टि से जिला शिमला हमेशा ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करता रहा है और यहां पर अधिकांश तौर पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने ही विजय का स्वाद चखा है।

2017 के 13वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में पांच सीटें जहां कांग्रेस के हाथ में थी, वहीं भाजपा के पास दो और सीपीएम के हाथ एक सीट रही, लेकिन 2021 के उपचुनाव में जुब्बल कोटखाई की सीट को कांग्रेस ने हथिया लिया और जिला शिमला में छह कांग्रेस, एक भाजपा व एक सीपीएम के पास सीट रही है। 2012 के 12वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में छहे सीटों पर कांग्रेस, एक पर भाजपा और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। 2007 में 11वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 5 सीटों पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा और एक पर निर्दलीय ने जीत दर्ज की। 2003 के चुनाव में भी कांग्रेस 5, जबकि भाजपा 3 सीटों पर जीती। 1998 में कांग्रेस के पास 6 और भाजपा के पास 2 सीटें रही। 1993 में प्रदेश की 8वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस के पास 5, भाजपा के पास एक, सीपीएम के पास एक और एक आजाद प्रत्याशी के पास सीट रही है। ऐसे में अधिकांश समय पर कांग्रेस के हाथों ही जिला शिमला का एकछत्र राज रहा है। (एचडीएम)

यहां से बने हैं मुख्यमंत्री और मंत्री
जिला शिमला की आठ विधानसभा सीटों में रोहडू़ व शिमला ग्रामीण सीट से जीतकर वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रहे है। जुब्बल व कोटखाई से जीतने वाले ठाकुर रामलाल भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके है। चौपाल निर्वाचन क्षेत्र से डा.राधारमण शास्त्री विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुके है। ठियोग विधानसभा सीट से जय बिहारी लाल खाची, विद्या स्टोक्स मंत्री रह चुकी है। रामपुर निर्वाचन क्षेत्र से छह बार लगातार जीतने वाले सिंघी राम मंत्री रह चुके है। जुब्बल कोटखाई से मुख्यमंत्री ठाकुर रामलाल के अलावा स्व.नरेंद्र बरागटा बागवानी मंत्री के पद पर आसीन हो चुके है। शिमला ग्रामीण से वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री रह चुके है। शिमला शहरी सीट से सुरेश भारद्वाज शहरी विकास मंत्री रह चुके है।
कुसुम्पटी में मंत्री और मंत्री के दावेदार के बीच जंग
कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से अभी तक मंत्री पद की दावेदारी नहीं मिली है। हालांकि इस सीट से रूपदास कश्यप तीन बार, शौंकिया राम दो बार, सोहन लाल दो बार और चिंरजी लाल व बालक राम एक-एक बार विधायक रह चुके है, जबकि मौजूदा समय के विधायक अनिरूद्ध सिंह इस बार हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव लड़ रहे है और मंत्री पद के दावेदार हो सकते है, लेकिन इनके सामने मौजूदा शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। अब देखना यह है कि विधायक अनिरूद्ध सिंह हैट्रिक लगाकर मंत्री की रेस में शामिल होते है या फिर मंत्री सुरेश भारद्वाज उनका सपना तोड़ते है या फिर अपनी सीट भी गंवा देते है।


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