डिजिटल क्राइम से सचेत रहने की जरूरत, राज्यपाल आर्लेकर ने एचपीयू में छात्रों को दी साइबर क्राइम की जानकारी

By: Dec 3rd, 2022 12:06 am

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के फोरेंसिक विज्ञान विभाग एवं क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला उत्तरी रेंज धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्त्वावधान में अंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। दो दिवसीय इस सम्मेलन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल तकनीक पूरे विश्व भर में व्याप्त हो गई है और हम सब इसी के ही दायरे में आते हैं व इसका हिस्सा बन चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारतवर्ष ने इस दिशा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है और निरंतर इस दिषा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग कब आया, आज यह विषय नहीं है, मगर आज इसका उपयोग किस दिशा में हो रहा है, यह जानना आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि आज अपराध शारीरिक ही नहीं, बल्कि डिजिटल अपराधों ने भी समाज में अपने पैर पसार लिए हैं।

हमें इन अपराधों से सचेत रहने की जरूरत है। आने वाले समय में हम इस तकनीक का किस तरह इस्तेमाल करते हैं, यह जानने की जरूरत है। उन्होंने सम्मेलन में आए सभी विशेषज्ञों से अनुरोध करते हुए कहा कि हमें इन नई तकनीकों से पीडि़त नहीं होना है, बल्कि सही इस्तेमाल करके किस प्रकार से हमें इससे लाभ मिले, इसकी ज्यादा आवश्यकता है। वहीं प्रति कुलपति आचार्य ज्योति प्रकाश ने पुरातन समय में भारतवर्ष के ऋृषि मुनियों व महान शिक्षाविदों का जिक्र करते हुए कहा कि ऋृषि मुनियों ने धरती पर विद्यमान हर वनस्पति पर शोध किया है और पाया कि वनस्पति के हर अंश में औषधीय तत्त्व विद्यमान है। इससे मानव जगत के लिए वनस्पति के हर तत्त्व से औषधियां तैयार की जा सकती है।


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