PHD : अब कहीं से भी करें पीएचडी पूरी, यूजीसी ने लड़कियों और महिलाओं को दी बड़ी राहत

By: Dec 4th, 2022 10:05 pm

यूजीसी ने लड़कियों और महिलाओं को दी बड़ी राहत, शादी या अन्य कारणों से दूसरी जगह जारी रख सकती हैं शोध

सोनिया शर्मा — शिमला

यूजीसी ने पीएचडी करने वाली लड़कियों-महिलाओं को बड़ी राहत दी है। उन्हें अब दूसरी जगह जाकर पीएचडी पूरी करने की छूट मिलेगी। इसके लिए बार-बार उन्हें अपने शहर पीएचडी पूरी करने के लिए नहीं आना पड़ेगा। अब उनका सारा काम दूसरी जगह ट्रांसफर हो सकेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी के नए नियमों में बदलाव कर इस नए नियम को शामिल किया है। इससे पहले 2016 में पीएचडी करने के नए नियम व संशोधन जारी किए गए थे, लेकिन अब नई शिक्षा नीति के मुताबिक संशोधन करते हुए यूजीसी ने अधिसूचना जारी कर दी है। यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक शादी के चलते या अन्य कारणों से महिला शोधार्थी दूसरी जगह जाती हैं और वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रखना चाहती हैं, तो उन्हें अनुमति दी जाएगी। शोध को दूसरी जगह से करने के लिए सभी नियम और शर्तों का ध्यान रखा जाएगा। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि शोध मूल संस्थान या पर्यवेक्षक द्वारा किसी वित्त पोषण एजेंसी से प्राप्त न किया गया हो। इस नियम के तहत शोधार्थी का अब तक का किया पूरा काम ट्रांसफर हो जाएगा। शोधार्थी को उसके हिस्से का क्रेडिट अपने मूल संस्थान या सुपरवाइजर को देना पड़ेगा। अभी तक महिला शोधार्थियों को दो वर्ष का अतिरिक्त समय शोध पूरा करने के लिए दिया जाता था। वहीं इस दौरान मातृत्व अवकाश व बच्चों की देखभाल अवकाश के रूप में अधिकतम 240 दिनों की छुट्टी की सुविधा भी थी। यूजीसी नई दिल्ली ने शोध के नियमों में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए हैं। सात नवंबर को जारी गजट के अनुसार अब कहीं भी सेवारत कर्मचारी या शिक्षक पार्टटाइम पीएचडी कर सकेंगे। पहले सरकारी सेवारत कर्मचारियों या शिक्षकों को शोध करने के लिए अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेना पड़ता था। (एचडीएम)

डीपीई पर फैसला, कर्मचारी हित में

शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूल लेक्चरर संघ ने डीपीई के पक्ष में आए हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। हिमाचल स्कूल लेक्चरर संघ के प्रांतीय संगठन सचिव राजन शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में डीपीई प्लस-वन और प्लस-टू की कक्षाओं को वर्षों से ले रहे हैं, उन्हें लेक्चरर पदनाम वरीयता लाभ व अन्य सभी लाभ देने का उच्च न्यायालय का फैसला सराहनीय है। लेक्चरर संघ के प्रांतीय सगठन सचिव राजन शर्मा ने इसे कर्मचारियों के हित का फैसला बताया है। लेक्चरर संघ के प्रांतीय सगठन सचिव राजन शर्मा ने 2003 से पूर्व लगे अनुबंध लेक्चरर के पक्ष में कोर्ट के पेंशन वरीयता देने संबंधित फैसले को भी शीघ्र लागू करने का मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक व सरकार से जल्द लागू करने का आग्रह किया है। लेक्चरर संघ के प्रांतीय सगठन सचिव राजन शर्मा ने कहा कि ओपीएस की बहाली होनी चाहिए।


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