20 लाख छात्रों के आधार कार्ड अपग्रेड नहीं, प्रिंसीपल सेक्रेटरी आईटी के साथ शिक्षा विभाग की बैठक में खुलासा
प्रिंसीपल सेक्रेटरी आईटी के साथ शिक्षा विभाग की बैठक में खुलासा, स्कॉलरशिप देनेे में आ रही हैं कई अड़चनें
सोनिया शर्मा-शिमला
प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षा विभाग के निर्देशों के बावजूद करीब 20 लाख छात्र ऐसे हैं जिनके आधार कार्ड अभी तक अपडेट नहीं हुए हैं। बीते साल छह दिसंबर को प्रिंसीपल सेक्रेटरी आईटी के साथ शिक्षा विभाग की बैठक में जब इस मामले पर चर्चा हुई तो सामने आया कि बहुत से शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जहां पर छात्रों के आधार कार्ड अपडेट नहीं करवाए गए हैं। इस कारण स्कॉलरशिप जैसी स्कीम छात्रों को प्रोवाइड करवाने में भी दिक्कत आ रही है। इसमें आंकड़ा सामने आया है कि 5 से 15 साल के करीबन 5 लाख 34 हजार छात्र और 15 साल से अधिक आयु वर्ग के 15 लाख 2 हजार छात्र ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड अभी तक अपडेट नहीं हुआ है यानी यह पेंडिंग है।
ऐसे में अब उच्च शिक्षा निदेशक डाक्टर अमरजीत शर्मा की ओर से सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि तुरंत सभी छात्रों की अपने स्तर पर आधार अपग्रेडेशन करवाएं। इसमें रेगुलेटरी कमीशन, मेडिकल एजुकेशन डेंटल, हैल्थ सर्विस, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, टेक्निकल यूनिवर्सिटी सहित सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और स्कूल शामिल है जहां के लिए यह निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें संबंधित जिला के डीसी की मदद से आधार अपग्रेडेशन मशीनों को कैंपस में ही लगाया जा सकता है ताकि वहां पर छात्रों को आधार कार्ड अपडेट करवाने में मदद मिल सके। इससे छात्रों को लोक मित्र केंद्र के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे और प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि हर छात्र का आधार कार्ड अपडेट हो जाए। वहीं समग्र शिक्षा विभाग को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। सभी शिक्षण संस्थानों के मुखियाओं की जिम्मेदारी होगी कि कोई भी छात्र बिना अपग्रेडेशन के शिक्षण संस्थानों को न छोड़े इसमें क्लस्टर स्कूल कालेज यूनिवर्सिटी आदि शामिल है। एचडीएम
क्यों जरूरी है आधार अपग्रेडेशन
विद्यार्थियों के लिए भी अब प्रत्येक क्षेत्र में, जैसे कि एडमिशन के दौरान, रिजल्ट लेने के दौरान या किसी इम्तिहान के लिए आवेदन करने समय आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं बोर्ड द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं आदि के लिए आवेदन पत्रों में आधार क्रमांक का उल्लेख जरूरी हो गया है। आने वालों सालों में देश में आयोजित होने वाली सभी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन के लिए उम्मीदवार द्वारा 12 अंक का यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर डालना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
डिजिटल लॉकर के लिए आवश्यक
डिजिटल इंडिया की तर्ज पर चलते हुए डिजिलॉकर नाम की सेवा सरकार ने शुरू की जिसमें विद्यार्थी अपने ज़रूरी दस्तावेज जैसे कि बर्थ सर्टिफिकेट, रिजल्ट सर्टिफिकेट व अन्य शैक्षणिक प्रमाण प्रमाण पत्र ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इस डिजिटल लॉकर में खाता खोलने के बाद बार-बार अपने कागजी दस्तावेजों का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
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