दियार-गड़सा में साहसिक पर्यटन की उम्मीदों को लगे पंख

कभी सपना दिखती साहसिक पर्यटन गतिविधियों को स्थानीय युवाओं की मेहनत कर रही साकार

हीरा लाल ठाकुर- भुंतर
जिला कुल्लू की रूपी घाटी को पर्यटन मानचित्र पर उभारने की स्थानीय पर्यटक कारोबारियों व युवाओं की मेहनत धीरे-धीरे रंग ला रही है। कभी शून्य के बराबर घाटी में पर्यटन गतिविधियों को गड़सा, दियार में पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग, राफ्टिंग जैसी साहसिक खेलों ने नई कहानी लिखने का आगाज करवा दिया है। लिहाजा, घाटी के युवा अब आने वाले दिनों में यहां पर पर्यटन गतिविधियों में तेजी के दावे कर रहे हैं। कुछ सालों से पर्यटन मानचित्र में उभरते जिला कुल्लू की रूपी-पार्वती के कई अनछुए पर्यटक स्थल यहां के युवाओं को स्वरोजगार के नए साधन विकल्प देने को तैयार है, लेकिन सियासतदानों की सियासी सुस्ती राह में रोड़े डालती रही है। बता दें कि जिला कुल्लू की रूपी घाटी के दियार, गड़सा, भलाण, शौंढाधार, कोटकंढी क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद है। विशेषकर साहसिक, धार्मिक व ग्रामीण पर्यटन से यहां के युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए दरवाजे इससे खुलने तय है। दियार, गड़सा क्षेत्र में हालांकि अब सरकार ने काम करने का मन बनाया है, लेकिन इसकी गति बेहद धीमी है। रूपी-पार्वती घाटी के सैकड़ों युवाओं को पर्यटन विकास की सुविधाएं प्रदान करने के वादे पिछले करीब दो दशकों से हर पार्टी के नेता चुनावों से ठीक पहले करते आ रहे हैं। घाटी में पैराग्लाइडिंग, पर्वतारोहण जैसे साहसिक पर्यटन के अलावा धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और कागजों में इसके लिए कई योजनाएं भी बनती रही हैं।

पर्यटन कारोबारियों की मानें तो प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज जिला कुल्लू के रूपी-पार्वती में सुनियोजित सुविधाएं इसे पर्यटन मानचित्र में लाएगा। इससे घाटी में पर्यटन कारोबार के द्वार भी खुलेंगे तो सैलानियों को सहूलियतें भी मिलेंगी जो पर्यटकों को यहां आकर्षित कर सकती है। नई सरकार ने भी हालांकि पर्यटन में नए प्रयासों के संकेत पहले ही दिन से दिए हैं। घाटी के युवाओं तेजा सिंह, डिया सिंह, चेतन ठाकुर, ओम ठाकुर, वीर सिंह, प्रभात सिंह, योगेंद्र सिंह, खेम सिंह आदि का कहना है कि अगर पर्यटक स्थलों के लिए सरकार बजट का प्रावधान करती है और इनके लिए योजनाएं बनाती है तो स्वरोजगार के नए विकल्प युवाओं को इससे मिलेंगे।  उनके अनुसार सरकार को युवाओं को इस क्षेत्र में कार्य के लिए फ्री हैंड देने की जरूरत है। इनके अनुसार कुछ साल पहले तक रूपी घाटी में पर्यटन की गतिविधियों को करवाना सपने जैसा लगता था लेकिन अब युवाओं ने एकजुटता का परिचय देकर यहां पर नई शुरूआत की है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। बहरहाल, कुल्लू की रूपी घाटी में साहसिक गतिविधियां इसे पर्यटन क्षेत्र के तौर पर नया विकल्प बनाने की दिशा में बढ़ रही है। (एचडीएम)