झील किनारे खेती को करवाया बंद, होगी तारबंदी

By: Jan 30th, 2023 12:11 am

डीएफओ हमीरपुर ने किया पौंग झील किनारे खाली क्षेत्रों का दौरा, प्रवासी पक्षियों का लिया जायजा

निजी संवाददाता – जवाली
वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने अपनी टीम के साथ सिद्धाथा सहित आसपास के क्षेत्रों में पौंग झील किनारे के क्षेत्रों का दौरा किया तथा प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा का भी जायजा लिया। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि झील किनारे जमीन पर खेती करना प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बाद भी कुछेक साधन संपन्न लोग जमीन पर बिजाई कर रहे थे, जिसकी लगातार शिकायतें मिलती थीं। उन्होंने कहा कि झील किनारे हो रही खेती से प्रवासी पक्षियों का शिकार हो रहा था। खेती में डाली जाने वाली कीटनाशक दवाइयां बारिश के कारण झील में मिलकर झील के पानी को जहरीला कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि इस बार वन्य प्राणी विभाग ने खेती करने वालों पर ड्रोन से निगरानी रखी तथा टीमों को भी हिदायत दी गई थी कि अगर किसी एरिया में खेती हुई तो संबंधित कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसके कारण कर्मियों ने भी सख्ती बरती और झील किनारे खेती को बंद करवाया। अगर कहीं बाड़ इत्यादि लगाकर खेती हुई है, तो उस बाड़ इत्यादि को भी हटवाया जाएगा। विभाग द्वारा अपनी हद तक तारबंदी की जाएगी। वन्य प्राणी विभाग ने इस बार पौंग झील किनारे खाली जमीन पर खेती करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जिस कारण पौंग झील का सारा क्षेत्र खाली रहा। पौंग झील किनारे खाली जमीन पर हरियाली हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

प्रवासी पक्षी आजादी से घूम रहे हैं तथा बेसहारा पशुओं को भी खाली जमीन पर पर्याप्त चारा उपलब्ध हो रहा है। आवारा पशुओं को झील किनारे खाली जमीन पर पर्याप्त चारा मिलने के कारण इस बार किसानों की मलकीयती जमीनों में बीजी गई फसलें सुरक्षित रहीं। सडक़ों किनारे आवारा पशु भी कम ही दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर साधन संपन्न लोग खेती कर लेते थे तथा खेती को बचाने के लिए झील को जाने वाले रास्तों को बंद कर देते थे तथा सभी आवारा पशु घास के लिए मलकीयती जमीनों में घुस जाते थे। इस बार किसानों का नुकसान नहीं हुआ तथा किसानों ने वन्य प्राणी विभाग का आभार जताया है। किसानों ने कहा कि चंद लोग ही झील किनारे खेती करते थे तथा लाखों रुपए का लाभ कमाते थे, जिससे गरीब को कोई भी लाभ नहीं मिलता था, लेकिन अब विभाग ने सख्ती बरत कर काफी सराहनीय कार्य किया है।


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