गसोता महादेव मंदिर

By: Jan 28th, 2023 12:21 am

श्री गसोता महादेव मंदिर हमीरपुर का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर हमीरपुर जिले से करीब 9 किलोमीटर दूर हमीरपुर जींद रोड पर बना हुआ है। यह मंदिर 400 साल पुराना है। यह मंदिर शिव भगवान जी को समर्पित है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन किए जाते हैं। जिला हमीरपुर के गसोता महादेव शिव मंदिर का खास महत्त्व है। हजारों साल पुराना शिवलिंग लोगों की आस्था का केंद्र बिंदु है। देशभर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए गसोता महादेव में शिवलिंग की पूजा करने पहुंचते हैं। गसोता महादेव के पवित्र स्थल का नाम पुराणों में पांडव काल से जुड़ा हुआ है। पुराणों के अनुसार पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान गसोता महादेव मंदिर में कुछ समय व्यतीत किया था, जिसके चलते आज भी गसोता महादेव मंदिर में लोगों की आस्था कूट-कूट कर भरी है। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए लंगर की बेहतर सुविधा हर दिन होती है। यहां पर गोशाला भी है, जिसमें गउओं के लिए लोग स्वेच्छा से घास व अन्य सामग्री दान करते हैं। गसोता महादेव मंदिर लोगों की प्राचीन आस्था का केंद्र है। गसोता महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

इतिहास- गसोता महादेव मंदिर में शिवलिंग हजारों साल से स्थापित है। जनश्रुति के अनुसार एक बार एक किसान गसोता गांव में अपने खेत में हल जोत रहा था। उस दौरान हल किसी वस्तु से टकराया, तो वहां जलधारा निकली। बाद में दोबारा हल टकराया तो दूध निकला, तीसरी बार जब हल टकराया तो खून निकला और किसान की आंखों की रोशनी चली गई। बाद में किसान को इस संदर्भ में आए सपने के अनुसार वहां स्वयंभू शिवलिंग निकला तथा उसे स्थापित करने के लिए कहा गया। ग्रामीणों के सहयोग से किसान ने गसोता में इस शिवलिंग को स्थापित किया तथा अपने लिए अभयदान मांगा जो पूरा हुआ।

गदा के प्रहार से फूटा जलस्रोत- जनश्रुति के मुताबिक पांडव अज्ञात वास के दौरान जगह की तलाश कर रहे थे। यहां पर भीम ने घराट चलाने की सोची। वह जब रात को ब्यास नदी के पानी को मोड़ कर कूहल से घराट की तरफ लाने लगे, तो किसी के आने की आवाज का आभास हुआ। उन्होंने सोचा की सुबह हो गई है। भीम घराट का सारा सामान बारी गांव में फेंक कर चल दिए। इसके बाद पांडव गसोता गांव पहुंचे व जंगल होने के कारण वहां गाय पालने लगे। एक बार वहां सूखा पड़ा और गाय तड़पने लगी। भीम ने भूमि पर गदा से प्रहार किया, तो वहां जलस्रोत फूट पड़ा जो गसोता महादेव में सदियों से बह रहा है। यह जगह बहुत सुंदर है। मंदिर के पास में एक झरना देखने के लिए मिलता है, जो इस जगह को और भी ज्यादा सुंदर बना देता है। यहां पर धर्मशाला बनाई गई है, जहां पर दूर से आने वाले पर्यटक ठहर सकते हैं। यहां पर पांडव सरोवर भी बना हुआ है।


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