वेतन विसंगति दूर करेगी सरकार, ओपीएस बहाली के बाद एचआरटीसी कंडक्टरों में उम्मीद की किरण

By: Jan 16th, 2023 12:07 am

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पहली कैबिनेट की बैठक में ओपीएस बहाली को मंजूरी प्रदान की गई है। ओपीएस बहाली को मंजूरी मिलने के बाद एचआरटीसी कंडक्टरों की उम्मीदें भी जग गई हैं। एचआरटीसी कंडक्टरों का कहना है कि जब राज्य सरकार 20 साल पुरानी पेंशन बहाल कर सकती है, तो फिर एचआरटीसी कंडक्टरों की वेतन विसंगति भी जरूर करेगी। एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण चंद का कहना है कि हाल ही में कंडक्टर यूनियन का एक प्रतिनिधिमंडल वेतन विसंगति के मसले को लेकर डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री से भी मिला था। इस दौरान उन्होंने आवश्वासन दिया था कि उनकी वेतन विसंगति का मामला सरकार के ध्यान में है।

सरकार की ओर से जल्द ही उनकी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा। कंडक्टर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण चंद सहित प्रदेश के सभी कंडक्टरों ने ओपीएस बहाली के लिए मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खु, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के अलावा सभी कैबिनेट मंत्रियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कंडक्टरों की वेतन विसंगति का मसला पिछली सरकार में भी कंडक्टरों ने काफी जोर-शोर के साथ उठाया था, लेकिन पूर्व सरकार के ढीले रवैये के कारण वेतन विसंगति दूर नहीं हो पाई। ऐसे में अब एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की कांग्रेस की सरकार से काफी उम्मीद है कि उनकी वेतन विसंगति जरूर दूर होगी। गौरतलब है कि नए वेतन आयोग के लागू होने से कंडक्टरों का वेतन बढऩे के बजाय घट रहा है। पहले कंडक्टरों को जहां 2400 रुपए ग्रेड-पे दिया जाता था, तो वहीं नए वेतन आयोग के लागू होने से इन्हें सिर्फ 1900 का ही ग्रेड-पे मिल रहा है। एचआरटीसी कंडक्टरों को 1996 तक सात श्रेणियों को एक समान वेतन मिलता था। इनमें पटवारी, क्लर्क, फोरेस्ट गार्ड, कंडक्टर व अन्य श्रेणियां थी, लेकिन 2006 के बाद कंडक्टरों को इस श्रेणी से हटा दिया गया है। कंडक्टर यूनियन ने उठाई है कि कंडक्टरों को 2006 से पहले की तरह इन सभी श्रेणियों के बराबर ग्रेड-पे दिया जाए। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पहले की तर्ज पर परिचालक वर्ग को लिपिक वर्ग के समान वेतन दिया जाए।


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