मोबाइल वत्सल! तथास्तु!

By: Jan 25th, 2023 12:03 am

सुबह की बे्रकिंग बोले तो किंगों की महाकिंग खबर! अपने मोहल्ले के मोबाइल अडिक्शन जी के मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाने से उनका मोबाइलावसान हो गया। तब वे अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज करने को बहुत फडफ़ड़ाए। उन्होंने चार्जर ढूंढने को इधर उधर बहुत हाथ पांव मारे। पर उन्हें उनके मोबाइल का चार्जर नहीं मिला तो नहीं मिला। अब उनको अति विनम्र श्रद्धांजलि! अपने मोबाइलवासी मोबाइल के इतने भक्त थे कि इतनी तो मीरा भी कृष्ण की न रही होंगी। जो वे मीरा के युग में पैदा होते तो और तब मोबाइल का आविष्कार हुआ तो वे मीरा का स्थान पा जाते यह गाते हुए, मेरे तो मोबाइल लाल दूसरो न कोय! जाके सिर व्हाट्सएपए फेसबुक और न जाने क्या क्या होय…। अब जो हुआ सो हुआ। अब भी उनका मोबाइल तो चार्ज करवाया जा सकता था पर वे चार्ज नहीं किए जा सकते थे। आदमी के बनाए सामान और आदमी में बस एक यही फर्क होता है। मोबाइलगामी होने के बाद भी उन्होंने सारी मोहमाया छोड़ मोबाइल हाथ में त्यों कसकर पकड़ रखा था ज्यों चालू भक्त देह त्याग करने के बाद प्रभु को पकड़े रखता है। तब उनका मोबाइल चाहने वाले उनके घरवालों ने उनके हाथ से मोबाइल छुड़ाने की बहुत जोर जबरदस्ती की, पर उन्होंने मोबाइल न छोड़ा, तो न छोड़ा। जब उनके हाथ से कोई उनका मोबाइल नहीं छीन पाया तो तय हुआ कि उन्हें उनके मोबाइल के साथ ही आगामी यात्रा पर भेज दिया जाए।

यमदूतों के साथ यात्रा पर निकले तो यमदूतों ने भी उनसे वह सांसारी मोबाइल वहीं छोड़ऩे को आग्रह अनुग्रह किया, पर वे नहीं माने तो नहीं माने। तब उन्होंने उन पर बिगड़ते उनसे दो टूक कहा, ‘देखो बंधु! मैं अपना सब कुछ यहां छोड़ सकता हूं, पर मोबाइल नहीं। मोबाइल में मेरी आत्मा बसती है!’ अपनी अंतिम यात्रा पूरी कर ज्यों ही वे हाथ में अपना मोबाइल लिए प्रभु के दरबार में पास हाजिर हुए प्रभु ने उनके हाथ में अजीब सा यंत्र देख उनसे पूछा, ‘और बंधु! कैसे हो? मृत्युलोक से अपने साथ साथ ये क्या लाए ले आए? कहीं कोई संदिग्ध धमाका तो नहीं?’ ‘लाना क्या साहब! बस, पर्सनल मोबाइल है।’ ‘इससे जीव क्या करता है?’ ‘जनाब! ये पूछो कि क्या नहीं करता है? आप भी इसे हाथ में लेते ही इसके दीवाने न हो जाओ तो लगे शर्त! इस पर जीव जो जो चाहे वो वो सब कर सकता है। इस पर वह हर किस्म की गेम खेल सकता है। इसके माध्यम से ऑनलाइन खरीददारी से लेकर रंगदारी की जा सकती है। इसके माध्यम से वह मौसम का हाल जान सकता है। इसके माध्यम से वह अपना भूत, वर्तमान, भविष्य जान सकता है। इसके माध्यम से वह स्टॉक एक्सचेंज से लेकर हर एक्सचेंज ऑफर जान सकता है। इसके माध्यम से वह…इसके माध्यम से वह… इसके माध्यम से वह… ये कोई साधारण यंत्र नहीं महाराज, यह आज के जीव की लाइफ लाइन है। आज का जीव दिल के सहारे नहीं, इसके सहारे जी रहा है। इसके बिना जीव का शरीर होते हुए भी उसका कोई अस्तित्व नहीं। प्रभु! आपने जीव कल्याण के लिए उसे क्या क्या नहीं रचा! ऐसे में हो सके तो बस, मोबाइल प्रेमियों के हित में उनके कल्याणार्थ एक मोबाइललोक का भी निर्माण कर दीजिए ताकि मृत्युलोक में इसके होते चौबीसों घंटे गालियां खाने के बाद समस्त मोबाइल चराचर जीव जब तक पुन: मोबाइल देह प्राप्त नहीं कर लेते तब तक वहां निर्विरोध, नि:संकोच अपने में खोए, अपने मोबाइल संग रहते आपकी जय जयकार करते चैन से चैटिंग, सर्फिंग करते फुल मस्ती में व्यतीत कर सकें।’ प्रभु ने मोबाइल के प्रति उनके अगाध भक्तिभाव को देखा तो आह्लादित होते कहा, ‘हे मोबाइल वत्सल! तथास्तु!’

अशोक गौतम

ashokgautam001@Ugmail.com


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App