लाहुल में फायरिंग रेंज का विरोध

लोसर पंचायत ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र

अशोक राणा-केलांग
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र लाहुल-स्पीति में फायरिंग रेंज का विरोध शुरू हो गया है। वहां के लोगों ने विरोध किया है। उपमंडल काजा के अंतर्गत आने वाले लोसर गांव के समीप लेह थंका स्थान पर इसके लिए जमीन चिन्हित की गई है। 172 मीडियम रेजिमेंट की फायरिंग रेंज बनाई जाएगी। वहीं लोसर पंचायत के लोगों ने केंद्र सरकार से फायरिंग रेंज लगाने पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। लोगों का कहना है कि सेना के उच्च स्तरीय युद्धाभ्यास प्रशिक्षण केंद्र वाला चिन्हित क्षेत्र लोसर गांव से एक किमी की दूरी पर स्थित है। लोगों ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ध्वनि प्रदूषण कंपन व अन्य गतिविधियों से वन्य जीवों पर असर पड़ सकता है। एक छोटे से भाग में रह रहे लोगों का जीवन यापन, कृषि, पशुओं के चरान आदि कई कार्यों में व्यवधान पड़ सकता है। लोसर गांव के खोलकसा और मोनडक्सा के लिए कृषि सिंचाई और पीने का पानी भी फायरिंग रेंज में चिन्हित है। इसके अलावा स्पीति नदी उद्गम स्थल पलल्हामो, धार मक्पाचे इस चिन्हित रेंज में हंै। धार मक्पाचे पहाड़ी के ठीक पीछे चंद्रताल एवं सेंचुरी भी स्थित है। लोगों का कहना है कि स्पीति घाटी के भौगोलिक एवं प्राकृतिक परिस्थितियों के लिहाज से वहां के लोगों का मकान अधिकतर मिट्टी और पुरातन शैली से बने हुए हैं।

तोपों और मिसाइलों के प्रशिक्षण के दौरान उत्पन्न ध्वनि कंपन से उनके मकानों के गिरने का भी खतरा हो सकता है। लोसर वार्ड से जिप सदस्य छेरिंग संडुप ने बताया कि लोसर पंचायत के लोगों ने इस सिलसिले में प्रशासन, उच्चाधिकारियों व सरकार से आग्रह किया है कि लोगों की भावों के मद्देनजर रखते हुए इस योजना पर पुनर्विचार करके उपयुक्त समाधान निकाला जाए। इस सिलसिले में लोसर पंचायत ने प्रधान सचिव गृह मंत्रालय, प्रधान सचिव वन हिमाचल प्रदेश, अतिरिक्त उपायुक्त काजा, विधायक लाहुल-स्पीति रवि ठाकुर और उपायुक्त लाहुल-स्पीति को भी पत्र लिखा है। (एचडीएम)