खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक करना गंभीर मुद्दा कॉलेजियम के फैसले पर केंद्र की आपत्ति
दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर टकराव जारी है। इसी बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम की तरफ से खुफिया रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर कहा कि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की संवेदनशील रिपोर्ट के कुछ हिस्से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सार्वजनिक डोमेन में डाल दिए गए। खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं और अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है, तो वे भविष्य में इसे लिखने पर दो बार सोचेंगे। यह गंभीर चिंता का विषय है। दरअसल, यह मामला समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल से जुड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्त करना चाहता है, लेकिन केंद्र ने कृपाल के नाम पर आपत्ति दर्ज कराई थी। केंद्र ने इसके लिए खुफिया एजेंसी रॉ-आईबी की रिपोर्ट का हवाला दिया था। इसमें समलैंगिक वकील सौरभ कृपाल के विदेशी पार्टनर को लेकर सवाल खड़ा किया गया है। हालांकि कॉलेजियम ने इन एजेंसियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते पहली बार जजों के बारे में दी गईं केंद्र की आपत्तियों और रॉ-आईबी की रिपोट्र्स को सार्वजनिक कर दिया था। कहा जा रहा था कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने चार दिनों तक विचार करने के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की थी।
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