हरियाणा में गन्ने के भाव में 10 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, CM खट्टर ने किया ऐलान

By: Jan 26th, 2023 12:02 am

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गन्ना किसानों के हित में गन्ना खरीद समर्थन मूल्य में 10 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की आज घोषणा की जिसके बाद राज्य में गन्ने का भाव अब 372 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। सीएम खट्टर ने अपने यहां सरकारी निवासी संत कबीर कुटीर पर आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में इससे पहले गन्ना खरीद समर्थन मूल्य 362 रुपए प्रति क्विंटल था। उन्होंने किसानों से अपील की कि चूंकि गन्ने के भाव में वृद्धि की गई है, इसलिए अब वे गन्ना मिलों में ले जाना शुरू करें, ताकि मिलें सुचारू रूप से चल सकें। चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के न ही मिलों के हित में है। उन्होंने कहा कि चीनी की मौजूदा कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को सरकार अधिक कीमत दे रही है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें लगातार घाटे में चल रही हैं, लेकिन फिर भी उनकी सरकार ने समय-समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय राज्य की चीनी मिलों पर 5293 करोड़ रुपए का घाटा है। सरकारी मिलों में चीनी की रिकवरी प्रतिशत 9.75 है, जबकि निजी मिलों में यह 10.24 प्रतिशत है। चीनी की रिकवरी बढ़ाने और मिलों को अतिरिक्त आय जुटाने के लिए मिलों में एथेनॉल और ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के साथ इनकी पिराई क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने के समर्थन मूल्य निर्धारण हेतु कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने गन्ना किसान की मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी है। समिति ने किसानों, सहकारी विभाग, निजी मिलों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ गन्ने के र्ग्थन मूल्य में वृद्धि की सिफारिश की।

उन्होंने कहा कि इस मौसम में सर्दी अधिक पड़ी है, जिसके कारण सरसों की फसल काफी प्रभावित हुई है। नुकसान का आंकलन करने के लिए पांच फरवरी से नियमित गिरदावरी शुरू की जाएगी और जहां-जहां नुकसान हुआ है, किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। ‌एक प्रश्न पर सीएम खट्टर ने कहा कि गन्ना किसानों का समय पर भुगतान किया जाता है। वर्ष 2020-21 में 2628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और कोई भी बकाया नहीं है। इसी प्रकार, वर्ष 2021-22 में नारायण गढ़ चीनी मिल के 17.94 करोड़ रुपये के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि ‌सहकारी चीनी मिलों को एक हफ्ते के भीतर किसानों को भुगतान करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा किसानों को यह पेशकश भी की गई है कि यदि वे चीनी मिलों का खुद संचालन करना चाहें तो सरकार इस पर भी विचार कर सकती है।

एक अन्य प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष और कुछ किसान यूनियन इस विषय पर राजनीति कर रहे हैं, जो कि उचित नहीं है। किसान भी आज समझते हैं कि चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं और फिर भी सरकार किसानों के हित में निर्णय ले रही है। इसलिए विपक्ष के नेता और कुछ किसान यूनियन इस विषय पर राजनीति न करें, जनता उन्हें जवाब देगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग की व्यवस्था शुरू की है। छोटे टेंडर यानी 25 लाख रुपये तक के कार्य की समय सीमा चार दिन, एक करोड़ रुपये तक की 15 दिन निर्धारित की है। सरकार ने गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायतीराज संस्थाओं के खातों में 1100 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पंचायतों ने प्रस्ताव पारित करने शुरू कर दिए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे।


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