कुटिया के कमरे में हो रही जुम्महार स्कूल के बच्चों की पढ़ाई

By: Jan 31st, 2023 12:10 am

एक ही कमरे में पांच कक्षाओं के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना भी शिक्षकों के लिए बना टेढ़ी खीर

विशाल जोशी-चंबा
प्राथमिक पाठशाला जुम्महार 51 वर्ष बाद भी भवन के इंतजार में है। 12 वर्ष पूर्व इस पाठशाला के लिए भवन तो बना पर विभागीय खींचतान रोड़ा बन गई। आलम यह है कि पाठशाला अब भी एक साधु की कुटिया में पांच कक्षाओं के छात्रों को लेकर भविष्य की नींव रखने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार 1993 में मैहला विकास खंड ने पाठशाला के लिए भवन बनाया। विडंबना यह कि इस पाठशाला को भवन उपलब्ध करवाने की बजाय यहां खंड स्रोत समन्वयक का सामान रख दिया गया। भवन क्षतिग्रस्त होने के बाद यह सामान भी चोरी हो गया।

बावजूद इसके न क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत हुई और न इसे पाठशाला को सौंपा गया। 1965 में अस्तित्व में आई इस भवनहीन पाठशाला को 1979 में स्वामी परमहंस ने कुटिया का एक कमरा प्राथमिक शिक्षा विभाग को देकर शिक्षकों व विद्यार्थियों को धूप व बारिश से बचाने के लिए कदम आगे बढ़ाया। कुटिया के एक कमरे में चल रही इस पाठशाला में एक तो मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है, वहीं एक ही कमरे में पांच कक्षाओं के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करना भी शिक्षकों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। बताते चलें कि दो विभागों की खींचतान शिक्षा की लुटिया डुबो रही है। 2004 में स्कूल के पांच कमरों वाले इस भवन का निर्माण कार्य पूरा हुआ। 12 वर्ष पहले स्कूल भवन का निर्माण होने के बावजूद इसे शिक्षा विभाग के सुपुर्द नहीं किया गया है। हालांकि निर्माण एजेंसी की दलील है कि भवन का कार्य पूरा करने के बाद इसे संबंधित अधिकारी के हैंडओवर करने की मुहिम शुरू कर दी। लिहाजा शिक्षा विभाग के अधिकारी ने निर्माण कार्य पूरा न होने का हवाला देकर इसे अपने अधीन लेने से साफ मना कर दिया। उधर, जिला परिषद सदस्य करियां वार्ड मनोज कुमार मनु ने बताया कि इस मामले को सदन में उठाया गया था। इसके बाद भूमिदान करने वाले व्यक्ति ने भूमि शिक्षा विभाग के नाम कर दी है। उन्होंने बताया कि पाठशाला भवन का मरम्मत कार्य करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही पाठशाला को अपना भवन मिल जाएगा। -एचडीएम


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