कभी खत्म नहीं होता मां दुर्गा के पाठ का जपजन्य पुण्य

By: Jan 23rd, 2023 12:01 am

पंचकूला में प्रभुकृपा दुख निवारण समागम में महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी के बोल

कार्यालय संवाददाता— पंचकूला

मां दुर्गा ही परमात्मा है। मां दुर्गा ने ब्रह्मा, विष्णु व महेश को बनाया है। तारे, पृथ्वी, आकाश, सूर्य और समस्त ब्रह्मांड को बनाने वाली मां दुर्गा ही है। भगवान शिव ने कहा है कि सभी पाठों के जपजन्य पुण्य समाप्त हो जाते हैं, लेकिन मां दुर्गा के पाठ का जपजन्य पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। जो व्यक्ति कृष्णपक्ष की अष्टमी और चतुर्दशी को अपना सब कुछ मां दुर्गा के चरणों में समर्पित करके फिर प्रसाद रूप में ग्रहण करता है, तो मां की कृपा का पात्र बन जाता है। जो साधक उत्कीलन, निष्कीलन और शापोद्धार करके दिव्य बीज मंत्रों का पाठ करता है, तो उससे मां दुर्गा प्रसन्न होती है। ये उद्गार महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी जी ने पंचकूला में आयोजित प्रभु कृपा दुख निवारण समागम में रविवार को प्रकट किए। समागम में आए श्रद्धालुओं के लिए अनवरत रूप से लंगर चलता रहा। महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव कहते हैं कि जब तक पृथ्वी कानूनों सहित बनी रहेगी, तब तक साधक की पुत्र-पौत्र आदि संतान परंपरा भी बनी रहेगी।

तीनों लोकों में उसकी पराजय कभी नहीं होगी और अंतत: वह मोक्ष को प्राप्त हो जाएगा। जिस पाठ से यश-कीर्ति, पद-प्रतिष्ठा, धन-धान्य व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, भगवान शिव कहते हैं कि मनुष्य उसका जाप क्यों नहीं करते। भगवान शिव का कथन है कि व्यक्ति जब भी घर से बाहर निकले पाठ करके ही कदम बढ़ाए। भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण धाम के महासचिव सुशील वर्मा जी ने कहा कि भारतीय सनातन शक्ति और संत परंपरा का पूरे विश्व में सम्मान हो रहा है। इस कलियुग में परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी जी को काशी विद्वत परिषद व सप्तऋषियों द्वारा ‘महाब्रह्मर्षि’ की उपाधि से अलंकृत किया जाना अपने आप में विलक्षण व अद्भुत घटना है। पूज्य महाब्रह्मर्षि के महातप व महासाधना अभिसिक्त दिव्य बीज मंत्रों की शक्ति को वैज्ञानिक देशों ने मान्यता प्रदान कर दी है तथा ‘मास्टर ऑफ बीज मंत्र’ एवं ‘स्कॉलर ऑफ स्प्रिचुअल साइंस’ अवार्ड से सम्मानित भी किया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App