फायरिंग रेंज को जमीन नहीं देंगे ग्रामीण

By: Jan 22nd, 2023 12:12 am

विधायक रवि ठाकुर से पूर्व जिला परिषद सदस्य पूनम की अध्यक्षता में मिला प्रतिनिधिमंडल, सेना को लोसर में दस हजार बीघा भूमि देने पर बिफरे

अशोक राणा-केलांग
स्पीति के लोगों ने भारतीय सेना को फायरिंग रेंज के लिए जमीन देने से इंकार कर लिया है। मामला स्पीति के लोसर के समीप फायरिंग रेंज की भूमि अधिग्रहण को लेकर पनपा है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में अब प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर के माध्यम से कर डाली है। शनिवार को पूर्व जिला परिषद सदस्य पूनम की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर से मिला और उनके समक्ष पूरा मामला रखा। पूर्व जिप सदस्य पूनम ने बताया कि गत वर्ष भारतीय सेना के अधिकारियों ने लोसर पंचायत के जन प्रतिनिधियों से बात कर यह कहा कि उन्हें दस बीघा भूमि फायरिंग रेंज के लिए चाहिए। जिस पर ग्रामीणों ने भी अपनी सहमति जताते हुए लिखित तौर पर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से एनओसी दे दी।

लेकिन विवाद तब खड़ा हुआ जब ग्रामीणों को यह पता लगा कि दस बीघा भूमि की जगह भारतीय सेना ने लोसर के समीप दस हजार बीघा जमीन अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। पूनम का कहना है कि उन्होंने जब इस मामले की ग्रामीणों के साथ बातचीत की तो उन्हें हकीकत का पता चला। उन्हें यह बताया गया कि सेना लोसर के समीप जिस भूमि पर फायरिंग रेंज की बात कर रही है, वहां पर फायरिंग रेंज की जगह सेना के जवान बम व मिसाइलों का प्रशिक्षण करेंगे। ऐसे में घाटी के लोगों में जहां डर का माहौल पैदा हो गया है। वहीं ग्लेशियरों के गिरने का खतरा भी बढ़ जाएगा।
लिहाजा स्थानीय लोगों ने सेना को जमीन न देने का मन बनाया है और इस मामले में अब प्रदेश सरकार द्वारा हस्तक्षेप करने की मांग की जा रही है। स्थानीय विधायक रवि ठाकुर ने स्पीति घाटी के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को सरकार के समक्ष उठाएंगे और लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए समाधान करवाएंगे। (एचडीएम)

लिखित तौर पर दी थी एनओसी
जानकारी के अनुसार पहले जमीन कम बताई गई थी पर बाद में यह आंकड़ा दस हजार तक पहुंच गया। इससे ग्रामीण भडक़ गए। लोसर पंचायत के जन प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें दस बीघा भूमि फायरिंग रेंज के लिए चाहिए। जिस पर ग्रामीणों ने भी अपनी सहमति जताते हुए लिखित तौर पर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से एनओसी दे दी।

बम- मिसाइलों के प्रशिक्षण की सूचना पर डर
इस बाबत पूर्व जिला परिषद सदस्य पूनम का कहना है कि यह मामला जोर-शोर से उठाएंगे। उन्होंने जब इस मामले की ग्रामीणों के साथ बातचीत की तो उन्हें हकीकत का पता चला। उन्हें यह बताया गया कि सेना लोसर के समीप जिस भूमि पर फायरिंग रेंज की बात कर रही है, वहां पर फायरिंग रेंज की जगह सेना के जवान बम व मिसाइलों का प्रशिक्षण करेंगे। ऐसे में घाटी के लोगों में जहां डर का माहौल पैदा हो गया है। वहीं ऐसे में ग्लेशियरों के गिरने का खतरा भी बढ़ जाएगा।


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