डिग्रियां लेकर भी दर-दर की ठोकरें खाने को युवा मजबूर

गगरेट विधानसभा क्षेत्र में न रोजगार उपकार्यालय और न ही बेरोजगारों का कोई पुख्ता आंकड़ा

अजय ठाकुर- गगरेट
बेरोजगारी की भ_ी में भुट्टे की तरह पक रहे युवाओं का दर्द कैसे कम हो। विधानसभा क्षेत्र गगरेट में कितने बेरोजगार युवा हैं इसका पुख्ता आंकड़ा कहीं नहीं है। आलम यह है कि प्रदेश सरकार की ओर से बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा रखने वाला व पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने वाला उपरोजगार कार्यालय ही अभी तक विधानसभा क्षेत्र में नहीं खुल पाया है। ऐसे में किस क्षेत्र में नौकरी पाने वाले कितने दक्ष हाथ हैं इसका भी कोई पुख्ता आंकड़ा नहीं है। ऐसे में रोजगार की तलाश में युवाओं का विधानसभा क्षेत्र गगरेट से निरंतर पलायन जारी है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि विधानसभा क्षेत्र गगरेट में पढ़े-लिखे युवाओं की कमी है। उज्ज्वल भविष्य की कामना लिए विधानसभा क्षेत्र गगरेट के युवा ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रियां लेकर भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। हालांकि उपमंडल मुख्यालय अंब में उप रोजगार कार्यालय अरसे से स्थापित है और विधानसभा क्षेत्र गगरेट के भी कई युवाओं द्वारा यहां पर रोजगार पाने के लिए अपने नाम दर्ज करवाए हैं लेकिन विधानसभा क्षेत्र गगरेट में उप रोजगार कार्यालय न होने से अधिकतर युवा अब रोजगार हासिल करने के लिए उप रोजगार कार्यालय अंब में जाकर अपना नाम दर्ज करवाने को तरजीह ही नहीं दे रहे हैं। बेशक राजनेता भी बेरोजगारी के मुद्दे पर लच्छेदार भाषण देकर युवाओं को रिझाकर इनका वोट हासिल करते रहे हों लेकिन किसी भी राजनेता ने गगरेट में उप रोजगार कार्यालय खुलवाने को तरजीह नहीं दी। पूर्व विधायक राजेश ठाकुर ने जरूर पूर्व जयराम सरकार के दौरान गगरेट में उप रोजगार कार्यालय खोलने की मांग रखी। जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वीकार भी कर लिया लेकिन उप रोजगार कार्यालय खुल नहीं पाया।

वर्तमान विधायक चैतन्य शर्मा ने भी शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दों पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा और सम्मानजनक जीत भी हासिल की लेकिन कितने युवा रोजगार की तलाश में हैं, कितने टेक्नीकल और कितने नान-टेक्नीकल युवा रोजगार मांग रहे हैं इसका कहीं कोई आंकड़ा ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में युवाओं को किस आधार पर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा इस पर भी सवालिया निशान लगा है। बेशक कांग्रेस भी एक लाख रोजगार देने का आश्वासन देकर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई है लेकिन जब तक धरातल स्तर पर रोजगार उप कार्यालय ही नहीं होंगे तो यह कैसे पता चलेगा कि बेरोजगारी का वास्तविक आंकड़ा क्या है। रोजगार की तलाश में खाक छान रही युवा पीढ़ी राजनीतिक दलों के लिए महज वोट बैंक नहीं बल्कि वास्तव में राजनेताओं को युवा पीढ़ी की चिंता है तो क्या प्रदेश सरकार विधानसभा क्षेत्र गगरेट में रोजगार उप कार्यालय खोलने को तरजीह देगी। ताकि पहले यह तो स्पष्ट हो सके कि विधानसभा क्षेत्र गगरेट में कितने युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। (एचडीएम)