शिमला में साढ़े 15 किलोमीटर बना पैदल रास्ता, लोगों को राहत

101 करोड़ होंगे खर्च; 80 फीसदी काम पूरा, 18 किलोमीटर का पेडस्ट्रेन होगा तैयार

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
राजधानी में अब लोगों को सडक़ के किनारे चलने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं झेलनी पड़ रही है, अपितु अब लोगों को पेडेस्ट्रेन यानी पैदल पाथ से सुगमता हो रही है। शिमला शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सडक़ों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए फुटपाथ बनाने के 37 प्रोजेक्टों पर काम किया गया, जिस पर 101 करोड़ की धनराशि खर्च हो रही है। इसमें से करीब 80 प्रतिशत प्रोजेक्टों का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि शेष कार्य जून से पहले पूर्ण कर दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 18 किलोमीटर पेडेस्ट्रेन की व्यवस्था मुहैया करवाई जानी है, जिसमें से 15.50 किलोमीटर पैदल पाथ बनकर तैयार हो चुके है। जानकारी के अनुसार शिमला शहर में सडक़ों के किनारे चलने के लिए अब लोगों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ रही है, अपितु पैदल पाथ का निर्माण करके लोगों को इसकी सुविधा प्रदान की गई है।

सर्कुलर रोड, बीसीएस और पंथाघाटी आदि में चल रहे कामों को पूरा करने पर जोर दिया गया है। बता दें कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कामों को पूरा करने की डेडलाइन जून, 2023 रखी गई है और इस अवधि से पहले इनके काम पूर्ण किए जाने है। ऐसे में शहर की सडक़ों को चौड़ा करके लोगों की आवाजाही के लिए पैदल पाथ बनाने के कार्य में भी तेजी लाई गई है। शहर में चल रहे 37 प्रोजेक्टों में से अधिकांश का काम पूर्ण कर लिया गया है और शेष करीब 20 प्रतिशत काम भी निर्धारित समय में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

शिमला शहर की सडक़ों पर लोगों की आवाजाही की सुविधा के लिए चल रहे 37 प्रोजेक्टों में से अधिकांश काम पूरे कर लिए गए है। छोटे-छोटे पैच में बचे हुए काम को पूर्ण करने के निर्देश जारी किए गए है। निर्धारित समय में इन्हें भी पूरा कर दिया जाएगा
मनमोहन शर्मा, निदेशक, शहरी विकास विभाग