रेलवे का सफर होगा और सुहाना; रेलवे सेक्टर के लिए 2.40 लाख करोड़, नई योजनाओं को 75 हजार करोड़ का ऐलान

रेलवे सेक्टर के लिए 2.40 लाख करोड़ नई योजनाओं को 75 हजार करोड़ का ऐलान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिए अपना पांचवां बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने रेल बजट के लिए कई अहम घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ आबंटित किए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा आबंटन है। यह 2013-14 में दिए गए आबंटन से नौ गुना ज्यादा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के मुकाबले इस बार रेलवे के पूंजीगत व्यय में 65.6 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। रेलवे इस बजट से नए रेलवे ट्रैक, वैगन, ट्रेनें, रेलवे का विद्युतीकरण, सिग्नल आदि के काम पर खर्च करेगी। रेल मंत्रालय 2023 में सभी रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। साथ ही दो हजार किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है।
वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। पिछले बजट में सरकार ने देश में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान किया था। यह केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। ऐसे में मौजूदा बजट में भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन पर फोकस किया जाएगा। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि (यह समग्र परिव्यय) सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा, जो 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना है। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे में नई योजनाओं के लिए 75 हजार करोड़ की घोषणा की है।
2013 की तुलना में नौ गुना अधिक
बतातें चलें कि इस बार के बजट में रेलवे सेक्टर के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि आबंटित की गई गई है। इससे पहले साल 2022-23 के लिए 1.4 लाख करोड़ आबंटित किए गए थे। निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि रेलवे के लिए यह बजट आबंटन 2013 की तुलना में नौ गुना अधिक है।
केंद्र सरकार पर बढ़़ेगा कर्ज का बोझ
केंद्र सरकार अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 15.4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने की योजना बना रही है। यह 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष में लिए गए कुल कर्ज 14.21 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी। सरकार ने 27 जनवरी तक 12.93 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल कर्ज लक्ष्य 14.21 लाख करोड़ का 91 प्रतिशत है। बता दें कि केंद्र और राज्यों पर संयुक्त रूप से कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 83 प्रतिशत के बराबर है। वित्त मंत्री ने सबसिडी बिल में वृद्धि के बावजूद राजकोषीय घाटा लक्ष्य 6.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उन्होंने कहा-वित्त वर्ष 2023-24 में कर्ज के अलावा कुल आय 27.2 लाख करोड़ रुपए और कुल व्यय 45 लाख करोड़ रुपए है। कुल कर प्राप्तियां 23.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उन्होंने अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रखा है।