पांवटा में चीन पर फूटा लोगों का गुस्सा

By: Mar 28th, 2023 12:03 am

क्षेत्र में नगरपालिका मैदान में चलाया गया तिब्बती जागरूकता अभियान
कार्यालय संवाददाता- पांवटा साहिब
सोमवार को तिब्बती जागरूकता अभियान का आयोजन नगरपालिका मैदान पांवटा में किया गया, जिसमें पांवटा तिब्बती सेटलमेंट, पुरुवाला, सतौन, कमरऊ सेटलमेंट के अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट सदस्य कर्मा योगी ने शिरकत की, जबकि सामान्य अतिथि छोक्क्योंग वांगचुंग, विशेष अतिथि के रूप में मदन लाल खुराना व टाशी देकी ने शिरकत की। इस दौरान संबोधन देते हुए टाशी देकी ने कहा कि विश्व में चीन की दमनकारी नीतियों के विरोध में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। तिब्बत की आजादी के लिए जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया आज उनके बलिदान को भी याद किया गया व एक मिनट का मौन रखा गया।

आज से 63 वर्ष पूर्व तिब्बत के ल्हासा में धर्मगुरु दलाईलामा अपने 40 हजार समर्थकों के साथ चीन द्वारा प्रताडि़त होकर तिब्बत छोडऩे पर मजबूर हुए थे, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण पाई। उसी समय से 10 मार्च को चीन के विरोध में तिब्बती क्रांति दिवस मनाया जाता है, जबकि आज के ही दिन जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। मुख्यातिथि कर्मा येशी ने बताया कि आजादी को लेकर तिब्बती नागरिकों ने एक महासम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कई तिब्बतीयन नागरिक मौजूद रहे। यदि तिब्बत आजाद होगा तो भारत देश की सुरक्षा भी होगी। उन्होंने संबोधन देते हुए बताया कि अभी चीनी लद्दाख व अरुणाचल में घुसपैठ कर रहे हैं। यदि तिब्बत आजाद होगा तो चीन को अपनी सेना तिब्बत से हटानी होगी। उन्होंने कहा कि यूएनओ में भी आवाज उठाई गई है कि तिब्बत को आजाद किया जाए। इस बीच उन्होंने अपने समुदाय से संबंधित तीन प्रस्ताव पेश किए जिसमें उन्होंने बताया कि देश की संसद में कुछ भी संभव है। उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा कि यदि धर्मगुरु दलाईलामा को भारत सरकार भारत रत्न से नवाजे तो चीन हिल जाएगा। इतना ही नहीं 1962 में जो प्रस्ताव रखा गया है उसे हटाकर यदि भारत सरकार यह फरमान जारी कर दे कि तिब्बत आजाद है तो काफी हद तक तिब्बत समुदाय को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि चार हजार वर्ग किलोमीटर पर चीन द्वारा कब्जा किया गया है उस कब्जे को चीन छोड़ दे। कर्मा येशी ने कहा कि पहले तिब्बत आजाद था, लेकिन बाद में तिब्बत की आजादी को चीन द्वारा छीन लिया गया, लेकिन चीन सिर्फ तिब्बत को छीन पाया है तिब्बत की संस्कृति को रोका है, लेकिन तिब्बत के लोगों की भावनाओं को नहीं रोक सकता है। तिब्बत अपनी आजादी के लिए हर कदम पर जाएगा और चीन से जरा भी नहीं डरेगा। तिब्बत चीन के समक्ष कभी नहीं डरेगा क्योंकि वह अपनी आजादी को लेकर ही रहेगा। यदि भारत इसके लिए तिब्बत की मदद करता है तो भारत को भी इसका बहुत ज्यादा फायदा होगा और सामजस्य और सौहार्द बढ़ जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App