वेतन बढ़ाया, पर नौकरी सुरक्षित नहीं, आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री से नीति बनाने की उठाई मांग
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
हिमालच सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 11,500 रुपए कर दिया है। न्यूनतम वेतन बढ़ाने पर आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार का आभार जताया हैं, लेकिन साथ में यह मांग भी उठाई है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार नीति का निर्धारण करें, ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरियां सुरक्षित रह सकें। इसे अलावा आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण भी रूक सके। आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हाल ही में एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी मिला है। सीएम से मुलाकात के दौरान उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा है।
इस दौरान जलशक्ति विभाग व महिला एवं बाल विकास, बिजली विभाग, हिमाचल पथ परिवहन निगम के आउटसोर्स कर्मचारियों के आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। इसमेंं जलशक्ति, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बिजली बोर्ड, वन विभाग व अन्य विभाग जिनमें आउटसोर्स कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने की वजह से उनके सेवाकाल समाप्त किया जा रहा है। उनकी सेवाओं को दोबारा बहाल किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री से उन्होंने यह अनुरोध किया है कि जब तक कोई पॉलिसी नहीं बनती है तब तक किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से न निकाला जाए व जिनको यदि निकाला गया है। उन कर्मचारियों को नौकरी पर दोबारा रखा जाए।
सरकार से गुहार
न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 11,500 रुपए करने पर सरकार को कहा थैंक्स
मुयख्मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंप मांगी राहत
आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से न निकालने की भी अपील
निकाले गए कर्मियों को नौकरी पर वापस बुलाने की भी उठाई मांग
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