सिलिकॉन बैंक ने पैदा कर दिया आर्थिक संकट

अमरीकी बाजारों में निवेशकों को पिछले गुरुवार को अचानक झटका लगा, जब इसके प्रमुख बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक ने एक ही दिन में अपने बाजार मूल्य का 60 प्रतिशत और बाद के व्यापार में 20 प्रतिशत और खो दिया। इससे अमरीकी यूरोपीय एवं भारतीय बाजार में गिरावट देखी गई। उसके बाद से कुछ अन्य छोटे व माध्यम अमरीकी बैंकों पर संकट छाया हुआ है।

लेखक : करुणेश देव

एसवीबी क्या है

1983 में स्थापित एसवीबी या सिलिकॉन वैली बैंक कुछ दिन पहले तक अमेरिका के बड़े बैंकों में एक था। यह देश में प्रौद्योगिकी कंपनियों और स्टार्टअप्स के शीर्ष उधारदाताओं में से एक है। बैंक अधिकांश स्थानीय जमाओं का प्रबंधन करता था और देश में 50 प्रतिशत से अधिक उद्यम पूंजी समर्थित कंपनियों के साथ इसका दीर्घकालिक संबंध है। बैंक निजी इक्विटी कंपनियों के साथ-साथ उच्च नेट वर्थ व्यक्तियों के लिए निजी बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करता था।

सिलिकॉन वैली बैंक संकट

अपने पोर्टफोलियो से बिक्री के लिए उपलब्ध प्रतिभूतियों के 21 बिलियन अमरीकी डॉलर की बिक्री पर 1.8 बिलियन अमरीकी डॉलर के नुकसान की घोषणा के बाद बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई।

इसके अलावा इसने इक्विटी और ऋण में 2.25 बिलियन अमरीकी डॉलर जुटाने की प्रक्रिया शुरू की। इस डर के कारण निकासी के लिए लंबी कतारें लग गईं, बैंक के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट आई। निवेशकों का विश्वास टूट गया और अन्य अमरीकी बैंकों में इसी तरह की घटनाओं का खतरा पैदा हो गया।

प्राथमिक मुद्दा

एसवीबी का पोर्टफोलियो ज्यादातर अमेरिकी ट्रेजरी से बना थाए जो औसतन 1.79 प्रतिशत रिटर्न देता था। यह 10 साल के यूएस ट्रेजरी की मौजूदा बॉन्ड यील्ड लगभग 3.9 प्रतिशत से काफी कम है। यूएस फेड ने पिछले वर्ष से ब्याज दरों में लगातार वृद्धि जारी रखी है, जिससे एसवीबी द्वारा रखे गए बांड्स का मूल्य कम होना शुरू हो गया। निवेशक एसवीबी द्वारा रखे गए बांड्स में निवेश करने के बजाय फेड से उच्च ब्याज दर वाले जोखिम मुक्त बांड खरीद सकते थे। इसलिए यह नुकसान पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं था।

स्टार्टअप समस्या

इसके अलावा जिन स्टार्टअप्स को बैंक ने पैसा उधार दिया थाए उन्हें भारी नकदी घाटा जारी है, जो कि कोविड स्तर से दोगुना है। इनमें से अधिकांश स्टार्टअप्स ने आर्थिक परिदृश्य में बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठाया इनके सामने और फंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने की एक बड़ी चुनौती है। इसने इन व्यवसायों की मुनाफा कमाने की क्षमता पर भी चिंता है।

रेटिंग डाउनग्रेड

रेटिंग संस्था मूडीज ने एसवीबी की बिगड़ती फंडिंगए तरलता और उसकी लाभप्रदता के लिए बैंक की रेटिंग को कम कर दिया, क्योंकि बैंक को अपनी फंडिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च लागत जमा और अल्पकालिक उधारी की और बढऩे की आवश्यकता होगी। बैंक ने परिपक्वता प्रतिभूतियों में अपने जोखिम के लिए लगभग 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर बिलियन का अप्राप्त नुकसान दर्ज किया है।

एसवीबी संकट और उसका प्रभाव

विशेषज्ञों और विश्लेषकों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक संकट का वैसा प्रभाव नहीं होगा जैसा कि 2008 के लेहमैन ब्रदर्स संकट में देखा गया था जिसने वैश्विक मंदी को जन्म दिया था। यह संकट अमरीकी में केंद्रित है और यह अमरीकी बैंकिंग प्रणाली के शिथिल नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन का संकेत है। अमेरिका और यूरोपियन बैंकिंग के कमजोर प्रदर्शन से कुछ समय के लिए इन देशों में नकारात्मक स्तिथि बनी रह सकती है। हालांकि भारतीय बैंकिंग प्रणाली मजबूत हुई है और पिछले कुछ वर्षों में कई सुधारों और सख्त नियंत्रणों के साथ इसमें सुधार हुआ है।

चलते-चलते

अभी स्विट्जरलैंड के सबसे बड़े बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस बैंक भी विकट परिस्तिथि से निकल रहा है। अभी तो उसे वहां की सरकार ने बचा लिया है किंतु यह विश्व के बड़े और आवश्यक बैंकों में से एक है और इसका डूबना वैश्विक बैंकिंग प्रणाली के लिए निश्चिन्त ही चुनौतीपूर्ण होगा।

संपर्क: karuneshdev@rediffmail.com

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।