लद्दाख में एलएसी पर स्थिति नाजुक, सीमा विवाद पर बोले विदेश मंत्री, ड्रैगन दे रहा टेंशन
दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच स्थिति चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ जगहों पर स्थिति काफी नाजुक और खतरनाक है, क्योंकि यहां दोनों देशों की सेनाएं काफी करीब हैं। विदेश मंत्री ने एक कार्यक्रम में चीन के साथ सीमा विवाद पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सिंतबर, 2020 में सीमा विवाद के बाद चीनी समकक्ष के साथ हुए समझौते का समाधान नहीं हो जाता। उन्होंने आगे कहा कि चीन को वो करना है, जिस पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, कई क्षेत्रों से दोनों देशों की सेनाएं हट चुकी हैं, लेकिन कुछ बिंदुओं पर चर्चा अभी भी जारी है। जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस महीने भारत द्वारा आयोजित जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग के साथ स्थिति पर चर्चा की। इस साल जी-20 की अध्यक्षता को लेकर जयशंकर ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली इस मंच को वैश्विक जनादेश के प्रति अधिक सत्य बना सकती है। उन्होंने कहा, जी-20 केवल डिबेट का क्षेत्र नहीं होना चाहिए। वैश्विक चिंताओं की संपूर्णता पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जयशंकर ने कहा, हम पहले ही इस बात को बहुत मजबूती से रख चुके हैं।
आने दीजिए, प्यार से समझा देंगे
नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी सहयोगी एरिक गार्सेटी भारत में अमरीका के नए राजदूत होंगे। हालांकि, 52 वर्षीय एरिक गार्सेटी भारत में मानवाधिकारों के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण है और यह कानून उनकी बातचीत का एक मुख्य हिस्सा होगा। सीएए को लेकर एरिक गार्सेटी के बयान पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टिप्पणी की है। दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया था कि जब गार्सेटी भारत आएंगे, तो क्या होगा? इस पर जयशंकर ने मुस्कराते हुए जवाब दिया, उन्हें यहां आने दीजिए। प्यार से समझा देंगे।
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