इंतजार खत्म: 10 दिन में 2 हजार पदों पर भर्तियां, चयन आयोग की रुकी भर्तियों का रिजल्ट भी जल्द
शिमला। सुखविंदर सुक्खू की सरकार ने 100 दिन का कार्यकाल पूर कर लिया है। शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रेस वार्ता में कहा कि आर्थिक संकट से हम जूझ रहे थे। जब 17 मार्च को बजट पेश किया, तो उसमें नई दिशा प्रेदश के लोगों को दी। लीक से हटकर स्कीम बेस्ड बजट पेश किया। सीएम ने कहा कि पहले ही दिन से हमारी कमिटमेंट है कि हम सत्तासुख के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। हमारी सोच है कि पांच साल में कुछ ऐसा करके दिखाना है कि हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य में सुधार आए। पता लगा कि नौ सौ से ज्यादा संस्थान खोल दिए। इसके बाद नीतिगत फैसला लिया गया कि हमें क्वालिटी पर जाना चाहिए। फाइनांशियल अनुशासन कैसे लाना है। पहले दिन से विधायकों के सुझाव मिलते रहे।
आज हमें खुशी है कि 100 दिन के कार्यकाल में कुछ विभागों में व्यवस्था परिवर्तन कर दिया है। बजट में सभी वर्गों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हमारी सरकार पारदर्शिता से काम करेगी। पहली ही कैबिनेट में हमने 1.36 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों को ओल्ड पेंशन के अंदर लाया और उसके लिए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा। हिमाचल में पहले नब्बे दिन के अंदर टेंडर प्रक्रिया होती थी, हमने उसे भी चेंज कर दिया। हम ने टेंडर की प्रक्रिया दस दिन के भीतर कर दिया। यानी कि यह काम 20 दिन में अवार्ड कर दिया। यह रूल्स हम ने बना दिए हैं। सीएम ने कहा कि फोरेस्ट डिपार्टमेंट जो भी ट्री प्लांटेशन होगी, वह खाली पहाडिय़ों पर होगाी। 12 जिलों में 250 हेक्टेयर पर पौधारोपण किया जाएगा। डेडिकेशन स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।
सीएम ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचने का धंधा काफी सालों से चल रहा था। अपनी गलती को ढकने के लिए पुलिस भर्ती का पेपर दोबारा करवाया। हमने विजिलेंस के जरिए जाल बिछाया और पेपर बेचने वालों को पकड़ा। इसके चलते हमें पेपर बेचने वाली संस्था को ही भंग कर दिया है। सीएम ने कहा हमें खुशी है कि 10 दिन के भीतर हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग कर्मचारी चयन आयोग के दो हजार विभिन्न पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा और एक महीने के अंदर इसका रिजल्ट जारी होगा। पुरानी लंबित भर्तियों जिन पर कोई मामला नहीं बनता, उनका परिणाम भी घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारी चयन आयोग में पेपर बेचने का धंधा पिछले कई सालों से चल रहा था। हमने विजिलेंस के माध्यम से जाल बिछाया और पेपर लीक करने वालों को पकड़ा। साथ ही आयोग को भंग किया।