हालात बुरे थे या कुछ और थी कहानी; छोडऩी पड़ गई पढ़ाई, सामने आया कोविड काल का सच

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
शिमला। वर्ष 2020 में कोविड काल में हिमाचल विभिन्न जिलों से कुल 19 बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। यानी यह बच्चे ड्रॉप आउट हुए हैं। दिल्ली में बीते माह महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से करवाई गई नेशनल लेवल की कार्यशाला में यह रिपोर्ट सामने आई है। इसमें पाया गया है कि ऊना, सिरमौर और कुल्लू जिला से करीब 19 बच्चे ऐसे हैं, जो किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं आ पाए और अब उन्हें स्कूल आना बंद कर दिया है। इसमें जिला कुल्लू के 2, सिरमौर के 10 और ऊना के 7 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोविड के समय स्कूल छोड़ दिया है।
इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशालय डा. अमरजीत शर्मा की ओर से तीनों जिलों के डिप्टी डायरेक्टर को निर्देश जारी किए गए हैं कि इन बच्चों को आइडेंटिफाई किया जाए। शिक्षा विभाग का प्रयास है कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड में किन्हीं कारणों से स्कूल ड्रॉपआउट कर दिया था, उन्हें दोबारा स्कूलों में एनरोल किया जाना है। इसी मकसद से अब ऐसे बच्चों की पहचान की जाएगी जिन्होंने कोविड के समय स्कूल छोड़ा। डिप्टी डायरेक्टर अपने स्तर पर ये जंाच करेंगे कि अब ये बच्चे किन हालातों में रह रहे हैं। अगर वे द्वारा स्कूल ज्वाइन करना चाहते हैं तो शिक्षा विभाग की ओर से दोबारा इन बच्चों को स्कूल में एनरोल किया जाएगा। इन बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्चा प्रदेश सरकार उठाएगी।
इसमें निर्देश जारी किए गए हैं कि ऐसे चिन्हित या ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स का स्कूल में नाम जुड़वाने के लिए एक्सट्रा कोशिश करें। चिन्हित बच्चे या बच्ची का स्कूल में एडमिशन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक की ड्यूटी निभाएं। मोहल्ले, वार्ड के जनप्रतिनिधि, बच्चों के पैरेंट्स, पूर्व स्टूडेंट्स, स्कूल डिवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कमेटी मेम्बर्स, मोहल्ले से स्कूल में पढ़ रहे स्टूडेंट्स से कॉर्डिनेट करें। स्टूडेंट्स को दी जाने वाली स्कॉलरशिप, मोटिवेशनल स्कीम्स की जानकारी बच्चे-बच्चियों को दें।