लपटों से निपटने के लिए स्थापित किए छह कंट्रोल रूम

By: Apr 2nd, 2023 12:54 am

हमीरपुर जिला में वन विभाग ने फायर सीजन के लिए किए पुख्ता प्रबंध,12 कर्मचारियों को सौंपा संचालन का जिम्मा, 43 वन बीट अतिसंवेदनशील

सुरेंद्र ठाकुर-हमीरपुर
फायर सीजन में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए जिला में छह कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जिनके संचालन का जिम्मा 12 कर्मचारियों को सौंपा गया है। रेंज आफिस तथा डीएफओ ऑफिस में कंट्रोल रूम बनाया गया है। आगजनी की घटना होने पर कंट्रोल रूम के माध्यम से जानकारी उपब्ध करवाई जाएगी। फील्ड में तैनात स्टाफ के साथ भी कंट्रोल रूम से समन्वय स्थापित किया जाएगा। बड़ी आगजनी की घटना में कंट्रोल रूम में माध्यम से तुरत फील्ड में तैनात स्टाफ को घटना स्थल पर भेजा जाएगा। छह कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों को अपने रेगुलर काम के साथ ही कंट्रोल रूम के सही संचालन की जिम्मेवारी सौंपी गई है। फायर सीजन के लिए जिला की सभी पांचों रेंजों तथा जिला मुख्यालय सहित कुल छह कंट्रोल रूप स्थापित किए गए हैं। इनमें नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जिला में 20 अग्नि नियंत्रण समितियां बनाई गई हैं। जिला में कुल 70 वन बीटों में से 43 को अति संवेदनशील, 18 मध्यम संवेदनशील और नौ बीटों को कम संवेदनशील घोषित किया गया है। आगामी फायर सीजन के दौरान वनों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है। जिला हमीरपुर के जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए किए गए विभिन्न प्रबंधों की जानकारी देते हुए वन मंडल अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि फायर सीजन के लिए जिला की सभी पांचों रेंजों तथा जिला मुख्यालय सहित कुल छह कंट्रोल रूप स्थापित किए गए हैं तथा इनमें नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। जिला में 20 अग्नि नियंत्रण समितियां बनाई गई हैं। कुल 70 वन बीटों में से 43 को अति संवेदनशील, 18 मध्यम संवेदनशील और नौ बीटों को कम संवेदनशील घोषित किया गया है।

फायर सीजन के मद्देनजर अग्निशमन विभाग के अलावा, होमगार्ड, पुलिस, जिला प्रशासन, डीडीएमए और जंगलबैरी स्थित पुलिस की चतुर्थ बटालियन के साथ भी समन्वय स्थापित किया गया है। जाहिर है कि हर साल जंगल आग की भेंट चढ़ते हैं। साल दर साल आगजनी के मामलों में वृद्धि होती जा रही है। इसी वजह से वन विभाग भी काफी चिंतित है। इस बार जंगलों को आग की भेंट चढऩे से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए गए हैं। वहीं लोगों को भी अपील की गई है कि जंगलों में आग न लगाएं। यदि जंगल में कहीं आग लगती है तो उसे शुरूआत दौर में ही बुझाने का प्रयत्न करें। अकसर देखा गया है कि भ्रांति के चलते जंगलों में आग लगा दी जाती है। भ्रांति है कि आग लगने के बाद जंगलों में अच्छी घास उगती है। हालांकि शायद लोग यह नहीं जानते ही आग लगने से वन संपदा को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो जाता है। जंगलों में लगने वाली आग से ही तापमान में भी बढ़ौतर होती है। वन विभाग ने लोगों से आग्रह किया है कि साकारात्मक भूमिका निभाएं। (एचडीएम)

पांच वन रेंज में नोडल अधिकारी तैनात
वन मंडल अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि फायर सीजन के लिए जिला की सभी पांचों रेंजों तथा जिला मुख्यालय सहित कुल छह कंट्रोल रूप स्थापित किए गए हैं तथा इनमें नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App