इथेनॉल प्लांट पर कल होगा फैसला

बेहड़ी में प्लांट प्रस्तावित, भू-मालिकों से बैठक करेगा प्रशासन

अजय ठाकुर-गगरेट
औद्योगिक क्षेत्र जीतपुर बेहड़ी में प्रस्तावित एचपीसीएल के इथेनॉल प्लांट के लिए संपर्क मार्ग को चौड़ा कर सुगम बनाने को भू-अधिग्रहण के लिए किए जा रहे प्रयास आग का दरिया पार करने जैसे प्रतीत हो रहे हैं। जाहिर है कि अगर इसे चौड़ा करने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है तो कुछ दुकानों के साथ-साथ कुछ घरों के हिस्से भी तोडऩे पड़ेंगे। इसे लेकर जीतपुर बेहड़ी के वाशिंदे तैयार नहीं दिख रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने भू-मालिकों से एक बैठक करने के बाद अब दूसरे दौर की वार्ता रविवार को रखी है, अगर बात सिरे नहीं चढ़ी तो यह इथेनॉल प्लांट की स्थापना की राह में भी रोड़ा साबित हो सकता है। ऐसे में प्रशासन अगर पहले से तय किए गए रूट पर ही अधिक जोर लगाए तो बिना विस्थापन के इस मुद्दे का सुखद अंत हो सकता है।

हालांकि इससे पहले इस औद्योगिक क्षेत्र को खुले सडक़ मार्ग से जोडऩे के लिए जिस रूट को फाइनल किया गया था अगर उसी पर काम किया जाता तो शायद ही किसी को विस्थापन का दंश झेलना पड़ता। तय रूट पर कार्य आगे बढ़ाने की बजाय मौजूदा मार्ग को ही चौड़ा करने पर बल दिया जा रहा है, यह हर किसी की समझ से परे है। पहले उद्योग विभाग के अधिकारियों ने भी प्रशासनिक अमले के साथ भू-मालिकों से दो बैठकें भी कर ली थीं लेकिन भू-मालिकों द्वारा मुआवजा ज्यादा मांगने के चलते बात सिरे चढ़ती न देख प्रदेश सरकार से जरूरी अधिग्रहण के तहत भूमि अधिग्रहण को कहा गया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रदेश सरकार ने इस प्लांट में दिलचस्पी दिखाई तो प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी अगले दस दिन के भीतर भूमि अधिग्रहण का काम शुरू करने की हिदायत दी। उधर, उद्योग विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अंशुल धीमान का कहना है कि पहले से तय रूट के अंतर्गत आने वाले भू-मालिक ज्यादा मुआवजा मांग रहे थे इसलिए दूसरे विकल्प को देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही दूसरे दौर की वार्ता होगी। इसका क्या स्थायी व सही समाधान निकलता है उसे देखकर ही उचित निर्णय लिया जाएगा। एचडीएम