एनपीए बंद करने पर डाक्टरों में रोष
पांवटा सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने सरकार के फैसले पर जताई आपत्ति; बोले, मरीजों पर पड़ेगा विपरीत असर
धीरज चोपड़ा-पांवटा साहिब
डाक्टरों का एनपीए (नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस) बंद करने के बाद पांवटा साहिब अस्पताल में तैनात डाक्टर्स में रोष है। पांवटा सिविल अस्पताल में तैनात डा. एवी राघव, डा. पियूष, डा. अभय राणा सतौन, डा. सीमा राघव, डा. स्पर्श सैणी, डा. मीनाक्षी चौहान ने कहा कि यह जन विरोधी फैसला है। डाक्टर्स ने कहा कि इस तरह डाक्टर की सैलरी कम करना सही निर्णय नहीं है। इसका सारा असर मरीजों पर पड़ेगा। इस दौरान सभी डाक्टर्स ने मुख्यमंत्री व सरकार से लिए गए एनपीए बंद करने के निर्णय को वापस लेने की अपील की है। इस दौरान सभी डाक्टरों ने कहा कि सरकार इस निर्णय पर दोबारा विचार करे व इसे वापिस ले। बता दें कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने हिमाचल में डाक्टर्स का एनपीए बंद कर दिया है। इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
यह पांच विभागों स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, डेंटल, आयुष और वेटरिनरी के लिए है और सिर्फ नई भर्तियों पर ही लागू होगा। प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार नए भर्ती होने वाले एलोपैथी, डेंटल, आयुष व वैटरिनरी डाक्टर्स का एनपीए बंद कर दिया गया है। अधिसूचना 24 मई को जारी की गई है। इसके अनुसार हिमाचल प्रदेश में हैल्थ एंड फैमिली अधिसूचना में इस बात का जिक्र नहीं है कि नए भर्ती होने वाले डाक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं या नहीं। इस दौरान मेडिकल ऑफिसर्ज एसोसिएशन ने इस फैसले को दुखद बताया है। एसोसिएशन के मुखिया और बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात डाक्टर राजेश राणा का कहना है कि इस बारे में सभी संबंधित संगठनों से बात करके आगामी रणनीति बनाई जाएगी। इस मुद्दे पर डाक्टर्स की संयुक्त संघर्ष समिति बनाई जाएगी और इस फैसले का विरोध किया जाएगा। जिसको लेकर पांवटा अस्पताल के डाक्टरों द्वारा भी फैसले को लेकर विरोध प्रकट किया। पांवटा अस्पताल के सभी डाक्टरों ने सरकार के इस निर्णय को जल्द वापिस लेने की अपील की है। (एचडीएम)
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