टांडा में लंबी लाइनें, भूखे रहे रोगी

पेन डाउन स्ट्राइक ने दिखाया असर, देर से आया मरीजों का नंबर; कइयों का नहीं हो पाया ऑपरेशन

हैड ऑफिस ब्यूरो-टीएमसी
डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में दूसरे दिन मंगलवार को भी डाक्टर 9 बजे से 11 बजे तक हड़ताल पर रहे। राज्य सरकार की डाक्टर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश भर के डाक्टरों सहित टांडा मेडिकल अस्पताल के डाक्टर भी पेन डाउन हड़ताल पर रहे। सुबह के 9 बजे से 11 बजे तक लगातार दो घंटों तक टांडा अस्पताल के डाक्टरों ने ओपीडी में मरीजों का चैकअप नहीं किया और 11 बजे के उपरांत मरीजों का चैकअप शुरू हुआ जिसके कारण सुबह नौ बजे से 11 बजे तक ओपीडी के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी रही।

दूरदराज व दूसरे जिलों से आए मरीजों को बहुत परेशानियां हुई। 11 बजे के बाद ओपीडी शुरू हुई और कुछ मरीजों का नंबर तो दोपहर बाद आया तथा कुछ मरीजों को टेस्ट करवाने को कहा गया कुछ मरीजों के शाम तक टेस्ट नहीं हो पाए जिसके कारण कुछ मरीजों ने बताया ऐसे में हमें अगले दिन 11 बजे तक का इंतजार करना पड़ेगा। कुछ दूर-दराज से आए मरीजों के ऑपरेशन भी नहीं हो पाए। हालांकि आपातकालीन सुविधा सुचारू चलती रही।

धर्मशाला अस्पताल में भी दिखा हड़ताल का असर

धर्मशाला। प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात डाक्टर्स के नॉन प्रैक्टिस अलाउंस एनपीए को अचानक से रोकने के फैसले से हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ लगातार आक्रोशित है। इसके चलते डाक्टर्स की ओर से दूसरे दिन मंगलवार को भी प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर पैन डाऊन स्ट्राइक की जा रही है। कांगड़ा के भी तमाम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के सदस्य डाक्टर्स की ओर से आज साढ़े नौ बजे से लेकर 11 बजे तक हड़ताल की गई। जोनल अस्पताल धर्मशाला में भी डाक्टरों की हड़ताल का सप्ताह के पहले दिन खूब असर देखने को मिला। हॉस्पिटल के एमएस डा. राजेश गुलेरी भी ऐसोसिएशन की हड़ताल में शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य संस्थानों में अव्यवस्था का आलम देखा गया, कांगड़ा के दूर-दराज के क्षेत्रों से पहुंचे हुए मरीजों और तीमारदारों को इस बीच काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

प्रदेश चिकित्सक संघ जिला कांगड़ा के महासचिव डा. उदय सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से डाक्टर्स का अचनाक से एनपीए बंद कर देना सरासर डाक्टर्स के साथ अन्याय है। डा. उदय ने कहा कि अगर समय रहते उनके हित में फैसला नहीं लिया गया, तो वो मास कैजुअल लीव पर भी जा सकते हैं जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। चंबा के उदयपुर से टांडा अस्पताल आए काकू ने बताया कि हम चंबा से आए हैं परंतु यहां डाक्टरों की दो घंटे की हड़ताल है जिसकी वजह से हमारा नंबर पता नहीं कब आएगा। अगर हमें पता होता कि डाक्टरों की आज भी हड़ताल है तो हम उसके हिसाब से ही टांडा अस्पताल में उपचार के लिए आते। बैजनाथ के निवासी संदीप सूद ने बताया कि हम सुबह यहां आठ बजे के करीब पहुंच गए थे ताकि हमारा नंबर जल्दी आ जाएगा परंतु डाक्टरों की दो घंटे की हड़ताल की वजह से हमारा नंबर इतनी भीड़ में न जाने कब आएगा। सुबह से हम भूखे प्यासे यहां बैठे हैं और आज भीड़ भी बहुत ज्यादा है।