टौणीदेवी में बताए प्लास्टिक के दुष्प्रभाव

कार्यशाला में अध्यापकों-100 प्रतिभागियों ने लिया भाग, गीले कचरे से बनने वाली जैविक खाद का बताया उपयोग

निजी संवाददाता-टौणीदेवी
स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (उत्कृष्ट) टौणीदेवी में बच्चों, युवाओं एवं समाज को जागरूक करने हेतु विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के सौजन्य से कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित की गई। इसका आयोजन मयूर ईको क्लब द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में क्लब के सदस्यों, स्वच्छता प्रहरियों, बीएड प्रशिक्षु, पाठशाला प्रबंधन समिति के सदस्य, पंचायत प्रतिनिधियों और अध्यापकों सहित लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण में कचरा प्रबंधन जागरूकता पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जनसंख्या वृद्धि और अत्याधिक उपभोक्तावाद के कारण प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अपने चरम पर है।

संसाधन व्यक्ति के रूप में एनआईटी के चंद्र प्रकाश और स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक को-आर्डिनेटर संजय कटोच ने प्रतिभागियों को कचरा प्रबंधन एवं एकल प्लास्टिक उपयोग पर कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं। उन्होंने गीले कचरे से बनने वाली जैविक खाद के उपयोग से भी अवगत करवाया। कार्यशाला में विशेष रूप से आमंत्रित जिला विज्ञान पर्यवेक्षक राजेश गौतम ने प्लास्टिक से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पंचायत प्रधान बारीं और टपरे रविंदर ठाकुर, दीवान चंद, समिति अध्यक्ष रमन, बाल विकास अधिकारी सुकन्या देवी के अलावा विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।