अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज; वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रहा

एजेंसियां-नई दिल्ली

दुनिया जहां मंदी की आशंका में जी रही है। वहीं भारतीय इकॉनमी रॉकेट की रफ्तार से भाग रही है। भारत बड़ी इकॉनमी वाले देशों में दुनिया में सबसे तेज इकॉनमिक ग्रोथ वाला देश बना हुआ है। कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग,खनन और निर्माण क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का जीडीपी ग्रोथ रेट बीते वित्त वर्ष 2022.23 की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही। इसके साथ पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर 7ण्2 प्रतिशत पर पहुंच गईए जो अनुमान से अधिक है। इस ग्रोथ के साथ देश की अर्थव्यवस्था 3,300 अरब डॉलर की हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी ने सारे अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत की दर से ग्रोथ हासिल की।

यह इससे पिछली तिमाही के 4.5 प्रतिशत से अधिक है। कृषि क्षेत्र में 5.5 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र में 4.5 प्रतिशत की ग्रोथ के दम पर यह आर्थिक ग्रोथ हासिल की गई। इसके अलावा निर्माण, सेवा और खनन क्षेत्रों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ;के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2022.23 की जनवरी.मार्च तिमाही में ग्रोथ दर 6.1 प्रतिशत रही। जबकि इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में यह 4.5 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.2 प्रतिशत थी। जीडीपी ग्रोथ दर 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में 13.1 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में यह चार प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के अनुसारए पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक ग्रोथ दर 7.2 प्रतिशत रही। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की ग्रोथ दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी। इसके साथ भारत तीव्र आर्थिक ग्रोथ दर हासिल करने वाला देश बना हुआ है।