8500 करोड़ के प्रोजेक्ट पेंडिंग, उद्योग मंत्री बोले, लोन लिमिट हटाने के लिए सीएम कर रहे प्रयास
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की लोन लिमिट को 5000 करोड़ रुपए कम कर दिया है। वहीं विदेशी से द्वारा वित्त पोषित प्रोजेक्ट जिनने में लोन लिमिट नहीं होती हैं। साढ़े आठ हजार करोड़ रुपए के ऐसे प्रोजेक्ट भारत सरकार और बैंकों के पास लंबित पड़े हैं। इनमें एडीबी, जाइका समेत कई प्रोजेक्ट है। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश की लोन लिमिट पर लगाए गए कट को हटाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से भी मुलाकात की है। हिमाचल में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो प्रदेश पर 75 हजार रुपए का कर्ज था। अब कांग्रेस की सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने ठेकों की नीलामी की। इससे हिमाचल को 800 करोड़ रुपए का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है। पिछली सरकार ने इन्वेस्टर मीट तो कर दी, लेकिन उद्योग पत्तियों को आने वाले दिक्कतों का समाधान नहीं किया। कई जगहों पर उद्योगपतियों को जमीन ही नहीं मिल पाई तो कई जगहों पर पानी बिजली व सडक़ जैसी समस्याएं पैदा हुई। सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास कर रही है। है। जल्द ही सरकार एक लैंड बैंक तैयार करेगी।
इनवेस्टमेंट ब्यूरो जल्द
उद्योग मंत्री ने बताया कि हिमाचल सरकार प्रदेश में निवेशक ब्यूरो यानि इनवेस्टमेंट ब्यूरो की स्थापना कर रही है। इनवेस्टमेंट ब्यूरो तैयार करने का काम फाइनल स्टेज में हैं। उद्योगपतियों को विभिन्न विभागों से एनओसी प्राप्त करने में दिक्कतें नहीं आएगी। प्रदेश सरकार इसे टाइम बाउंड करने वाली है।