बायो डायवर्सिटी पार्क की डीपीआर के लिए मांगा बजट

वन विभाग ने कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन किनारे बनाई है योजना, घुमारवीं के फेटीधार में 40 हेक्टेयर जमीन चिन्हित

अश्वनी पंडित-बिलासपुर
बिलासपुर जिला में पहला बायो डायवर्सिटी पार्क निर्माण की तैयारी चल रही है। इस संदर्भ में वन विभाग की ओर से उच्चाधिकारियों को डीपीआर तैयार करने को लेकर बजट की डिमांड की गई है। ऐसे में उस ओर से बजट अप्रूवल के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर पनोह के समीप फेटीधार में 40 बीघा जमीन चिन्हित की गई है, जहां एक भव्य सुविधाओं से लैस बायो डायवर्सिटी पार्क निर्मित किया जाएगा। योजना के तहत बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के तहत पनोह गांव के समीप फोरलेन के किनारे फेटीधार में 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन उपलब्ध है।

वन विभाग ने बायो डायवर्सिटी पार्क निर्मित करने को लेकर 40 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है। वन विभाग योजना का प्रारूप तैयार करने में जुटा हुआ है और अगले हफ़्ते तक पूरा खाका बनकर तैयार हो जाएगा जिसे राज्य सरकार की मंजूरी के लिए प्रेषित किया जाएगा। इस पार्क को फोरलेन किनारे निर्मित करने का मकसद साफ है कि कुल्लू-मनाली जाने से पहले बाहरी राज्यों से आने वाले टूरिस्ट बिलासपुर में रुके और जैव विविधता के बारे मेें जानकारी हासिल करें। पर्यटकों की आवभगत व उन्हें पार्क में उपलब्ध ज्ञानवर्धित जानकारियां प्रदान करने में मदद करेंगे। इस पार्क में अवेयरनेस सेंटर के अलावा एक बड़ा एक्वेरियम भी विकसित किया जाएगा। इस संदर्भ में बात वन वृत्त बिलासपुर के मुख्य अरण्यपाल अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि अभी योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए बजट की डिमांड की गई है। -एचडीएम

क्या है जैव विविधता पार्क

योजना के तहत बिलासपुर के पनोह के समीप फेटीधार में प्रस्तावित बायो डायवर्सिटी पार्क को पर्यटन आकर्षण की दृष्टि से विकसित किया जाएगा और इसमें जैव विविधता क्षेत्र में नई-नई जानकारियों से परिपूर्ण होगा। इसमें साइंस पार्क के साथ ही वटरफ्लाई गार्डन तैयार किया जाएगा। एग्जिविशन सेंटर बनेगा तो वहीं, खान-पान इत्यादि के लिए कैफेटरिया व एक बड़ा म्यूजियम भी बनेगा।

बजट का इंतजार

जैव विविधता पार्क वन का एक अनूठा परिदृश्य है जहां एक क्षेत्र में जैविक समुदायों के रूप में देशी पौधों और वन्य जीवों की प्रजातियों के पारिस्थितिक संयोजन को स्थापित किया जाता है। यह पार्क एक प्रकृति आरक्षित क्षेत्र होगा जो प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के बारे में ज्ञानवर्धन करेगा। बायो डायवर्सिटी पार्क का प्रोजेक्ट महत्त्वपूर्ण है।

बायो डायवर्सिटी पार्कों का निर्माण जरूरी

अर्बन डिवेलपमेंट, दिनोंदिन बढ़ती जनसंख्या और नैचुरल रिसोर्सेज में उच्च स्तर की कमी के साथ-साथ पौधों की विविधता जानवरों के जीवन पर भारी पड़ रही है। ऐसे में इस डैमेज को कवर करने के लिए बायो-डायवर्सिटी (जैव विविधता) पार्कों को बनाना जरूरी है। खास तौर से वाहनों की अत्याधिक तादाद की वजह से प्रदूषित हो रहे इलाकों में। ऐसे में जिला में पहला बायो-डायवर्सिटी पार्क बनाए जाने की तैयारी चल रही है। महाराष्ट्र व दिल्ली की तर्ज पर इस बायो डायवर्सिटी पार्क का निर्माण किया जाएगा। अहम बात यह है कि टूरिस्ट प्वाइंट ऑफ व्यू से यह पार्क कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के किनारे निर्मित किया जाए