एक करोड़ दस लाख से बनेगी चोलिंग-रांगले सडक़

राजस्व बागबानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया संपर्क मार्ग का शिलान्यास

मोहिंद्र नेगी-रिकांगपिओ
राजस्व बागबानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने अपने 11 दिवसीय किन्नौर जिला के प्रवास के दौरान आज एक करोड़ 10 लाख की राशि से निर्मित होने वाले सम्पर्क सडक़ मार्ग चोलिंग से रांगले का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय जिलों के चहुंमुखी विकास के प्रति वचनबद्ध है तथा अपने चुनावी वादों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण कर रही है। इस दौरान उन्होंने आम लोगों की समस्याओं को भी सुना तथा सभी उचित मांगों को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने का आश्वासन दिया। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूरे प्रदेश सहित जनजातीय जिला किन्नौर को विकास के क्षेत्र में अग्रणी जिला बनाने के लिए वह दिन.रात कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर अपने नैसंगिक सौंदर्य व आतिथ्य सत्कार के लिए देश सहित विदेश भर में प्रसिद्ध है।

ऐसे में यह आवश्यक है कि यहां आने वाले अतिथिगण व पर्यटक हर प्रकार की सुविधा प्राप्त कर सकें जिसका मूल उद्धारण होता है दूर-दराज गांव व पर्यटक स्थलों तक सम्पर्क सडक़ मार्गों की उपलब्धता। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा जनजातीय जिलों के समग्र विकास के प्रति कार्य किया जा रहा है। मंत्री ने किन्नौर जिला के टापरी बस स्टैंड से हिमाचल पथ परिवहन निगम की टापरी से चंडीगढ़ के लिए वॉल्वो बस सेवा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह जिला के लोगों के लिए हर्ष का विषय है, क्योंकि जिला में पहली बार वॉल्वो बस सेवा आरंभ की जा रही है जो जिलावासियों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में प्रदेश सरकार की पहल है। उल्लेखनीय है कि यह बस कनैक्टींग सेवा के साथ उपलब्ध करवाई जा रही है जो टैम्पो ट्रेवलर के माध्यम से जिला मुख्यालय रिकांग पिओ से करवाई जाएगी। यह बस सेवा सायं पांच बजे टापरी से चंडीगढ़ के लिए रवाना होगी तथा चंडीगढ़ से टापरी के लिए इसका समय प्रात: पांच बजे होगा। इसके अतिरिक्त टापरी से चंडीगढ़ का किराया 1218 रुपये निर्धारित किया गया है। यात्रियों को रिकांगपिओ से चंडीगढ़ तथा चंडीगढ़ से रिकांगपिओ के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों बुकिंग की व्यवस्था की गई है। इसके बाद जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने 4 दिवसीय ग्रीष्माकालीन महोत्सव टापरी का शुभारंभ किया। उ मेले व त्यौहार आपसी भाईचारे का प्रतीक है तथा जनजातीय जिलों में कठिन भोगौलिक परिस्थितियों के कारण इस प्रकार के मेले व त्यौहार समय-समय पर आयोजित होते रहें। ताकि संस्कृति जिंदा रहे। (एचडीएम)