बृजभूषण के खिलाफ मिले चार गवाह

By: Jun 4th, 2023 12:06 am

दो महिला पहलवानों संग कोच और इंटरनेशनल रेफरी बढ़ाएंगे डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और भी मुश्किल में पड़ सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने मामले में चार गवाहों को पाया, जिन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर लगे आरोपों को सही बताया है। इनमें एक ओलंपियन, एक कॉमनवैल्थ स्वर्ण पदक विजेता, एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी और एक राज्यस्तरीय कोच शामिल हैं। ये सभी उन 125 गवाहों में शामिल हैं, जिन्हें इस केस में शामिल किया गया है। दिल्ली पुलिस उन चार राज्यों की जांच कर रही है, जहां आरोप लंबित हैं: हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और कर्नाटक। सूत्रों का कहना है कि दावों का समर्थन करने वाले गवाह एक ब्रिटिश ओलंपियन और स्वर्ण पदक विजेता दोनों महिला पहलवान हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच टीम को बताया कि घटना के एक महीने बाद शिकायत करने वाले पहलवानों ने उन्हें यौन उत्पीडऩ की जानकारी दी थी। आरोपियों में से एक महिला कुश्ती कोच ने दिल्ली पुलिस एसआईटी को बताया कि उसे घटना के छह घंटे बाद फोन पर सूचित किया गया था कि बृजभूषण ने यौन संबंध बनाने के लिए कहा था। अंतरराष्ट्रीय रेफरी का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में कई बार सुना है, जब पहलवानों ने भारत और विदेशों में टूर्नामेंट में भाग लिया।

चार मंत्री टीम बनाकर करेंगे बातचीत

केंद्र पहलवानों से बातचीत के लिए चार मंत्रियों की कमेटी बना रहा है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, एक महिला मंत्री के अलावा दो और मंत्री होंगे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि तीनों पहलवान (विनेश, साक्षी और बजरंग) इंतजार करें। मामला गंभीर है। कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से जांच हो रही है। जांच कमेटी की सारी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को दे चुके हैं। इस मामले में जल्द चार्जशीट पेश होगी।

केंद्र सीधी गिरफ्तारी से सहमत नहीं

सूत्रों के मुताबिक केंद्र विरोध कर रहे पहलवानों की पांच मांगें मानने को तैयार है। इनमें लखनऊ से पटियाला तक एक महिला कुश्ती शिविर, आरोपी कोच को हटाने, डब्ल्यूएफआई का निलंबन, पहलवानों के खिलाफ मुकदमों का अंत और एक महिला को महिला कुश्ती का नेतृत्व स्थानांतरित करना शामिल है। हालांकि, सरकार बृजभूषण की गिरफ्तारी और फेडरेशन से उनके कुल निष्कासन की शर्त से सहमत नहीं है। सरकार का कहना है कि पहलवान किसी भी एजेंसी को जांच सौंप सकते हैं, लेकिन वे सीधे बृजभूषण की गिरफ्तारी का आदेश नहीं दे सकते। संक्षिप्त सुनवाई के लिए सरकार की शर्त यह है कि पहलवान अपनी हड़ताल बंद कर दें और खेल पर लौट आएं।


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