अब बेड पर होगी मरीजों की बायोमीट्रिक स्कैनिंग

आईजीएमसी में ट्रायल सफल; बार-बार चक्कर काटने से मिली राहत, योजना का मिलेगा लाभ

स्टाफ रिपोर्टर—शिमला
आईजीएमसी में आयुष्मान योजना के तहत उपचाराधीन गंभीर और चलने में असमर्थ मरीजों को बायोमीट्रिक स्कैनिंग करवाने के लिए काउंटरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का अस्पतालों में मुफ्त उपचार होता है। अस्पताल में उपचार करवाने आने वाले मरीजों के इस योजना के तहत बने कार्डों को सबसे पहले स्कैन किया जाता है। इसके लिए लाइनों में खड़े होकर स्कैनिंग करवानी पड़ती है।

अब अस्पताल प्रबंधन ने ऐसे मरीजों को आईसीयू में ही यह सुविधा उपलब्ध करवाने की कवायद शुरू कर दी है। जनरल आईसीयू में दाखिल मरीज को गुरुवार को यह सुविधा मुहैया करवाने के लिए ट्रायल किया गया। ट्रायल सफल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन अब विभिन्न वार्डों में यह सुविधा शुरू करने जा रहा है। वहीं, आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण किया जाता है। गंभीर मरीज जो योजना काउंटर तक नहीं पहुंच पाते हैं उनके लिए वार्ड में बिस्तर पर ही बायोमीट्रिक स्कैनिंग की सुविधा शुरू की जा रही है।

आयुष्मान मित्र करेंगे स्कैनिंग पर काम
आईजीएमसी के डा. गोपाल आशीष शर्मा को कार्ड स्कैनिंग की सुविधा शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्लान बनाने के बाद इस पर कार्य शुरू हुआ और गुरुवार को ट्रायल किया तथा यह सफल रहा। अब योजना काउंटर के चक्कर नहीं काटने होंगे। बायोमीट्रिक और पंजीकरण का कार्य आयुषमान मित्र करेंगे। आयुष्मान योजना के तहत फ्री स्वास्थ्य लाभ हासिल करने के लिए लोगों को कार्ड बनाए जाते हैं। बीमार होने पर इन्हीं कार्डों पर अस्पताल में मुफ्त में उपचार होता है, लेकिन अस्पताल आने पर सबसे पहले कार्ड स्कैन होता है तथा मरीज को बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए काउंटर पर आने को कहा जाता है। बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए जरूरी है। इसमें जो मरीज चल नहीं सकते हैं या फिर अधिक गंभीर हैं, उन्हें ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे मे ंइस असुविधा को खत्म करने के लिए वार्ड में उपाचाधीन गंभीर और चलने में असमर्थ मरीजों के लिए यह सुविधा शुरू की जा रही है।