51 साल की महिला के दिमाग में डाला पेसमेकर, सर गंगाराम अस्पताल में हुई पार्किंसंस रोग की अनोखी सर्जरी

By: Jun 2nd, 2023 12:06 am

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

गंभीर बीमारियों के इलाज में राजधानी का सर गंगा राम अस्पताल आए दिन नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर मरीजों को जीवनदान दे रहा है। हाल ही में अस्पताल में एक बेहद दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया गया है। गाजियाबाद की रहने वाली 51 वर्षीय सावित्री देवी पिछले नौ सालों से पार्किंसंस रोग से पीडि़त थीं, जिन्हें दुर्लभ सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक कर दिया गया है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में सावित्री देवी करीब महीने पहले आई थी। सावित्री को बीमारी की शुरुआत में कंपकंपी और ब्रैडकिनेसिया (चलने-फिरने में कठिनाई) की परेशानी हुई और बाद में उसमें कठोरता आ गई। गंगाराम अस्पताल में उनका गहन मूल्यांकन किया गया। अस्पताल में सावित्री को डीप ब्रेन स्टिमुलेशन का विकल्प दिया गया। अस्पताल के न्यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट में एसोसिएट कंसल्टेंट डा. श्रेय जैन के अनुसार, डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक नई सर्जरी है, जिसमें आप मस्तिष्क के विशेष क्षेत्रों को उत्तेजित करते हैं। यह दिमाग के पेसमेकर की तरह ही काम करता है। इस मामले में, हमने मस्तिष्क के सबथैलेमिक न्यूक्लियस को उत्तेजित करने की योजना बनाई। सर्जरी का उद्देश्य बीमारी को नियंत्रित करने और रोगी की जीवनशैली में सुधार करने में मदद करना है।

यह विशेष रूप से पार्किंसंस रोग, कंपकंपी, डायस्टोनिया जैसी बीमारियों में उपयोगी है। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी तब की जाती है, जब मरीज पूरी सर्जरी के दौरान कुशल एनेस्थेटिस्ट और तकनीशियनों की सहायता से उन्नत गैजेट्स के बैक अप के साथ जाग रहा होता है। डा. जैन ने बताया, ‘इसमिनिमली इनवेसिव सर्जरी में खोपड़ी में दो छोटे छिद्रों के माध्यम से गहरे मस्तिष्क में इलेक्ट्रोड को द्विपक्षीय रूप से पारित किया जाता है। सर्जरी के दौरान मरीज की लगातार जांच और ब्रेन इलेक्ट्रिक करंट रिकॉर्ड कर लोकेशन की पुष्टि की गई। सर्जरी के दौरान, महिला ने एक बिंदु पर बोलना बंद कर दिया, इसलिए इलेक्ट्रोड को बदल दिया गया और मरीज की बोलने की शक्ति वापस आ गई।

इलेक्ट्रोड सही स्थिति में हैं यह सुनिश्चित करने के लिए सर्जरी के बाद सीटी स्कैन भी किया गया था। बाद में पेसमेकर की तरह छाती की दीवार में बैटरी डाली गई। सर्जरी के बाद यह मरीज काफी हद तक ठीक है और दवाओं के किसी भी दुष्प्रभाव के बिना सामान्य जीवन जीने में सक्षम है। दवाओं की खुराक कम हो गई है । सावित्री देवी बहुत खुश हैं और लगभग सामान्य जीवन जी रही हैं, जो उन्हें असंभव लगता था, हाथ-पैर कांपने के लक्षणों में काफी सुधार हुआ है, वह अब चीजों को ठीक से पकड़ सकती हैं। डा. अजीत के सिन्हा सीनियर कंसलटेंट ने बताया, अब बहुत कम चुनिंदा स्थानों पर सर्जरी उपलब्ध हैं, जहां जिन बीमारियों का पहले कोई इलाज नहीं था, दवाएं कम करके नियंत्रण में लाया जा सकता है। अकेले भारत में सात मिलियन से अधिक लोग पार्किंसंस बीमारी से पीडि़त हैं।


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