फिर नोटिफाई होगा शिमला डिवेलपमेंट प्लान

18 जून को कैबिनेट लेगी आखिरी फैसला, टीसीपी डायरेक्टर ने प्लान की आपत्तियों पर की सुनवाई

राज्य ब्यूरो प्रमुख—शिमला
राजधानी शिमला के लिए पूर्व भाजपा सरकार के समय पहली बार बने शिमला डिवेलपमेंट प्लान को दोबारा से प्रकाशित किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन मई, 2023 को एनजीटी द्वारा लगाई गई रोक को पलटते हुए यह फैसला दिया था। हिमाचल सरकार को छह हफ्ते के भीतर इस पर फैसला लेना है और इसके बारे में प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के निदेशक ने डिवेलपमेंट प्लान पर पहले से लंबित 97 आपत्तियों की सुनवाई पूरी कर ली हैं। इसके अलावा 16 और आपत्तियां अभी आई थी, उन्हें भी सुन लिया गया है। इसके बाद अब रिपोर्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के सचिव को आएगी। टीसीपी विभाग इसके बारे में राज्य मंत्रिमंडल से अनुमति लेगा और फिर डिवेलपमेंट प्लान को प्रकाशित किया जाएगा। आगामी 18 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसके बारे में अनुमति दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को है। उससे पहले राज्य सरकार को अपना फैसला बताना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार प्लान के प्रकाशित होने के एक महीने तक इसके आधार पर कोई अनुमति नहीं दी जा सकेगी। इसे सिर्फ ड्राफ्ट के तौर पर प्रकाशित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि राजधानी शिमला में एनजीटी के फैसले के बाद 2017 के बाद से भवन निर्माण इत्यादि पर कई तरह की बंदिश में चल रही हैं। कोर एरिया में नया निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित है और इसके अलावा अढ़ाई मंजिल की लिमिट लग गई है। इससे पहले पूर्व भाजपा सरकार के समय जब तत्त्कालीन शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस प्लान को बनवाया था, तो एनजीटी ने 12 मई, 2022 को इस पर रोक लगा दी थी। मुख्य सचिव को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार भी बना दिया था। अब शिमला विकास योजना नए सिरे से प्रकाशित हो रही है और इसका भविष्य 12 जुलाई, 2023 को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में तय होगा।

टीसीपी के प्रधान सचिव बोले, कैबिनेट की अनुमति लेंगे
शहरी विकास और टीसीपी के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने बताया कि शिमला डिवेलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट प्रकाशित करने से पहले विभाग राज्य मंत्रिमंडल की अनुमति लेगा। सुप्रीम कोर्ट से आए निर्देशों को मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा। इससे पहले टीसीपी ने शिमला विकास योजना पर आई नई और पुरानी आपत्तियों को सुन लिया है और उससे आगे की प्रक्रिया अभी चल रही है। प्लान प्रकाशित होने के बाद भी एक महीने तक भवन निर्माण अनुमति या नहीं दी जा सकेगी और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई से आगे की प्रक्रिया तय होगी।