मौसमी फल बेचकर आर्थिकी को मजबूती दे रहे चौहारघाटी के पवन

By: Jun 4th, 2023 12:17 am

मंडी-कांगड़ा सीमा पर घट्टा में हाईवे किनारे अस्थायी तौर पर राहगीरों को बेच रहे है खट्टे-मीठे काफल और अन्य फल

कार्यालय संवाददाता- जोगिंद्रनगर
मेहनत करने की लगन हो तो व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रोजगार के साधन तलाश ही लेता है। एक तरफ जहां हमारे युवा रोजगार की तलाश में दर-दर भटकते हैं तो दूसरी तरफ नशे जैसी सामाजिक बुराई का शिकार होकर अपने भविष्य को ही बर्बाद कर लेते हैं। लेकिन हमारे समाज में ऐसे कई युवा भी मिल जाएंगे जो कड़ी मेहनत व इमानदारी से न केवल आर्थिक संसाधन जुटाने में लगे हुए हैं बल्कि दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा का काम भी कर रहे हैं। ऐसे ही मंडी जिला की चौहारघाटी के दूर दराज गांव मयोट के एक 25 वर्षीय युवा पवन कुमार आजकल मंडी-कांगड़ा जिलों की सीमा घट्टा में काफल सहित अन्य मौसमी फल बेचकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि यहां से प्रतिदिन गुजरने वाले सैंकड़ों पर्यटकों सहित अन्य राहगीर वाहनों को रोककर काफल सहित अन्य फलों को खरीदना पसंद करते हैं। पवन कुमार का कहना है कि उन्होने आईटीआई जोगिंद्रनगर से इलेक्ट्रिकल ट्रेड में प्रशिक्षण हासिल किया हुआ है। इधर-उधर रोजगार की खूब तलाश की लेकिन दिहाड़ी इतनी भी नहीं मिलती की ठीक से गुजारा हो जाए। अपना काम भी शुरू करने का प्रयास किया लेकिन क्षेत्र की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियां बाधा बनकर खड़ी हो गईं।

सरकारी क्षेत्र में रोजगार की तलाश में लगे हुए हैं लेकिन फिलवक्त रिक्त पद न निकलने के कारण वे मात्र इंतजार ही कर रहे हैं। ऐसे में स्वयं के साथ-साथ परिवार की आर्थिकी को सहारा देने के लिए उन्होने इस तरह के अस्थाई रोजगार को अपनाना ही बेहतर समझा है। आत्मविश्वास से लबरेज पवन कुमार कहते हैं कि जल्द ही प्रदेश सरकार बिजली बोर्ड सहित अन्य विभागों में रिक्तियां निकालेंगी उसके लिए भी वे स्वयं को तैयार कर रहे हैं। लेकिन तब तक आर्थिक संसाधन जुटाने के लिए आजकल उन्होने मौसमी फल बेचने की ओर कदम बढ़ाए हैं। उन्हे इस काम के लिए गुजारे लायक दिहाड़ी मिल जाती है। पवन कुमार का कहना है कि भले ही परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हों, हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। यदि इमानदारी से प्रयास करें तो रोजगार का कोई न कोई साधन निकल ही जाता है। भले ही यह रोजगार अस्थाई है, लेकिन भविष्य की नींव को मजबूती तो दे ही सकता है। साथ ही कहा कि नितदिन मिलने वाले ऐसे अनुभव भविष्य में स्वरोजगार के क्षेत्र में भी रोजगार की संभावनाएं तलाशने में अवश्य की मददगार साबित होंगे। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से भी नशे जैसी सामाजिक बुराई से स्वयं को दूर रखते हुए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद स्वयं को संगठित करते हुए मेहनत व ईमानदारी से आगे बढ़ऩे का आह्वान किया है।


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